MP News : केंद्रीय योजनाओं पर होने वाले खर्च को अफसरों से जानेंगे सीएम शिवराज
Latest MP News : वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित बजट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चार फरवरी को सभी विभागों के अफसरों से चर्चा करेंगे और संतुलित खर्च को लेकर उनसे बात करेंगे।
Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं और केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत पिछले तीन साल में प्राप्त बजट और अगले वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित बजट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चार फरवरी को सभी विभागों के अफसरों से चर्चा करेंगे और संतुलित खर्च को लेकर उनसे बात करेंगे।
एक फरवरी को केन्द्रीय बजट प्रस्तुत होंने के बाद उसमें किस विभाग की केन्द्र प्रवर्तित योजना के लिए कितना बजट मिलना अनुमानित है इसको लेकर सभी विभागों के अफसरों के साथ चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री यह पूछेंगे कि वर्तमान में केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं और केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं अंतर्गत वित्तीय वर्ष 23-24 में निरंतर होंने पर भारत सरकार से कुल संभावित प्राप्तियां कितनी रहेंगी। इसके अलावा नवीन प्रवर्तित योजनाओं और नवीन केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं के अंतर्गत भरत सरकार से कुल संभावित प्राप्तियां कितनी है।
मनरेगा में घटेगा केन्द्रीय बजट
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम में वर्ष 2022-23 में 73 हजार करोड़ का बजट मिला था बाद में संशोधित बजट 89 हजार 400 करोड़ प्राप्त हुआ है यह वर्ष 21-22 के 98 हजार 468 करोड़ से कम है। इस साल इस मद में केवल साठ हजार करोड़ रुपए केन्द्र ने दिए है।
इसलिए ग्रामीण अंचलों में बेरोजगार लोगों को रोजगार गारंटी में इस साल कम खर्च करना होगा। इसी तरह राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम में इस वर्ष 9 हजार 652 करोड़ रुपए मिले है अगले साल यह बजट 9 हजार 636 करोड़ तक सीमित किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क के लिए बजट 19 हजार करोड़ यथावत रखा गया है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में मौजूदा बजट 12 हजार 800 करोड़ की अपेक्षा 11 हजार 600 करोड़ रुपए रखा गया है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में साठ हजार करोड़ का बजट यथावत रखा गया है। किसान उत्पादक संगठनों केगठन और संवर्धन के लिए 955 करोड़ रुपए यथावत रखे गए है।
नाभिकीय र्इंधन परियोजना में बजट 800 करोड़ से घटा कर 764 करोड़ रुपए कर दिया गया है। अनुसंधान एवं विकास परियोजना में बजट 970 से घटा कर 840 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यूरिया सब्सिडी भी 1 लाख 54 हजार 98 करोड़ से घटाकर 1 लाख 31 हजार 100 करोड़ कर दिया गया है।
पोषक तत्व आधारित सब्सिडी की राशि 71 हजार 122 करोड़ से 44 हजार करोड़ कर दी गई है। उत्पाद संब्द्ध प्रोत्साहन योजना, पूर्वोत्तर क्षेत्र और हिमालयी राज्यों के औद्योगिक इकाईयों को केन्द्रीय और एकीकृत जीएसटी प्रतिदाय में राशि 21 सौ करोड़ से घटाकर 1 हजार 714 करोड़ रुपए कर दी गई है।
डाक प्रचालन, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत भारतीय खाद्य निगम को खाद्य राज सहायता की राशि भी कम कर दी गई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खाद्यान्नों की विकेन्द्रीयकृत अभिप्राप्ति के लिए सहायता भी अब कम मिलेगी।
अतिमहत्वपूर्ण योजनाओं में बढ़ा बजट
अल्पसंख्यक विकास अम्ब्रेला कार्यक्रम में 530 करोड़ इस साल था अगले साल यह 610 करोड़ रुपए होगा। वंचित समूहों के विकास के लिए अम्ब्रेला कार्यक्रम में राशि मौजूदा 1921 करोड़ से 2194 करोड़ रुपए हो गया है। अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए अम्ब्रेला कार्यक्रम में बजट बढ़ाकर 4 हजार 295 करोड़ रुपए कर दिया गया है। अनुसूचित जाति के विकास के लिए भी बजट बढ़ाकर 9 हजार 409 करोड़ रुपए किया गया है।
महत्वपूर्ण स्कीमें
जल जीवन मिशन के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन के लिए बजट इस साल के 55 हजार करोड़ से बढ़ाकर सत्तर हजार करोड़ कर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा मिशन में 38 हजार 953 करोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 36 हजार 785 करोड़, पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए 3 हजार 750 करोड़ का बजट कर दिया गया है।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में इस साल 6 427 करोड़ रुपए मिले है अब अगले साल 7 हजार 200 करोड़ मिलेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना में भी बजट बढ़ा है। नीली क्रांति, सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम, पर्यावरण वानिकी और वन्य जीव के लिए बजट बढ़ा है। न्यायपालिका के लिए अवसंरचना सुविधा में भी बजट बढ़ा है।