MP News : डॉक्टर्स ने दी चेतावनी, 2 को OPD और 3 मई से पूरी तरह होगा काम बंद
Latest MP News : जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में इलाज से संबंधित कोई काम है... या ऑपरेशन करवाना है तो देरी ना करें, डॉक्टर से मिल लें। ऐसा इसलिए क्योंकि, मई महीने की शुरूआत से ही डॉक्टर हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं।
Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में इलाज से संबंधित कोई काम है… या ऑपरेशन करवाना है तो देरी ना करें, डॉक्टर से मिल लें। ऐसा इसलिए क्योंकि, मई महीने की शुरूआत से ही डॉक्टर हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। इससे पहले फरवरी में हड़ताल की थी, तब सिर्फ 3 घंटे में ही मुसीबत आ गई थी। दरअसल, डॉक्टर्स सरकार के रवैये से नाराज हैं।
डीएसीपी लागू करना, पुरानी पेंशन बहाली, मेडिकल काम में प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी बंद करने की मांग को लेकर 17 फरवरी को भी आंदोलन की राह अपना चुके हैं। तब, 3 घंटे हड़ताल चली थी और आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म हो गई थी। लेकिन, अब तक डॉक्टरों की मांगों का निराकरण नहीं हुआ है। ऐसे में अब दोबारा से डॉक्टर हड़ताल करने वाले हैं। डॉक्टर 1 मई से अपने आंदोलन की शुरूआत करेंगे, 2 मई से ओपीडी बंद करेंगे। इस दौरान कैजुअल्टी चालू रहेगी। लेकिन, 3 मई से डॉक्टरों ने पूरी तरह काम बंद करने की चेतावनी दे दी है।
शासन की तरफ से कोई आदेश नहीं
उच्च स्तरीय समिति बनाने की बात पर डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म की थी। इस समिति को एक महीने में अपना प्रतिवेदन मुख्यमंत्री को देना था। इसके बाद उच्च स्तरीय समिति के प्रतिवेदन पर त्वरित शासन का आदेश निकालने की बात थी, लेकिन दो महीने बीत जाने के बाद भी कोई आदेश नहीं निकाले गए।
प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर
एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के प्रदेश व्यापी आह्वान पर प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हंै। इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पहले टीकाकरण व अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विभाग के कार्य प्रभावित होंगे और लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कोमल सिंह ने बताया प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इसमे सबसे प्रमुख मांग नियमितिकरण की हैं।
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वर्षों से कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में ईमानदारी से कार्य कर रहे। अनेक बार ज्ञापन भी दे चुके लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके साथ ही एनएचएम से हटाकर आउटसोर्स प्रथा में लगाए कर्मचारी को फिर से एनएचएम में करने, संविदा कर्मियों पर किए पुलिस प्रकरण वापस लेने की मांग हैं।
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