MP News: अब इंजीनियर दोगुनी लागत के विकास कार्यों को दे सकेंगे मंजूरी, कल्याण आयुक्त को भी तहसीलदार के पॉवर

Latest MP News: चुनावी साल में विकास कार्यों को और गति देने के उद्देश्य से सरकार ने निकायों में नए कार्य और मरम्मत के लिए तकनीकी मंजूरी देने के लिए इंजीनियरों के पॉवर दोगुने कर दिए हैं।

Latest MP News: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. चुनावी साल में विकास कार्यों को और गति देने के उद्देश्य से सरकार ने निकायों में नए कार्य और मरम्मत के लिए तकनीकी मंजूरी देने के लिए इंजीनियरों के पॉवर दोगुने कर दिए हैं। इंजीनियर अब मौजूदा लागत से दो गुनी लागत के विकास कार्यों को मंजूदी दे सकेंगे। वहीं राजस्व वसूली के लिए कल्याण आयुक्त को तहसीलदार के पॉवर दिए गए हैं।

प्रदेश के नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों में नवीन निर्माण कार्यों और मरम्मत के कामों में तकनीकी स्वीकृति देने के इंजीनियरों के अधिकार दोगुने कर दिए गए है। अब वे मौजूदा लागत से दोगुनी लागत के कामों के लिए मंजूरी दे सकेंगे। इसके लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम में संशोधन कर दिया है।

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मरम्मत से जुड़े कामों के लिए भी तकनीकी मंजूरी देने के लिए दोगुनी राशि तक के अधिकार दिए गए है। सहायक यंत्री एक लाख, कार्यपालन यंत्री दस लाख, अधीक्षण यंत्री पच्चीस लाख, मुख्य अभियंता पचास लाख और प्रमुख अभियंता सभी तरह के मरम्मत कार्यों के लिए तकनीकी मंजूरी दे सकेंगे। यदि कहीं सहायक यंत्री पदस्थ नहीं है तो तकनीकी स्वीकृति देने की शक्तियां कार्यपालन यंत्री को उसमें निहित शक्तियों की सीमा तक निहित रहेंगी।

यह होगा फायदा

अब नगर पालिका, नगर परिषद स्तर पर ही छोटे निर्माण कार्य और मरम्मत कार्य की मंजूरी दी जा सकेगी। इसके लिए उच्च अधिकारियों के पास नहीं जाना होगा और राज्य स्तर पर भी अनुमोदन नहीं लेना होगा। इससे सारे काम जल्दी और तेजी से हो सकेंगे विकास कार्यो में तेजी आएगी।

कौन से इंजीनियर कितने का काम कर सकेंगे मंजूर…

नवीन कामों के लिए अब सहायक यंत्री दो लाख रुपए तक, कार्यपालन यंत्री तीन करोड़ तक, अधीक्षण यंत्री पांच करोड़ तक, मुख्य अभियंता दस करोड़ तक मंजूरी दे सकेंगे। प्रमुख अभियंता के पास सारे नवीन कार्यो को मंजूरी देने का अधिकार रहेगा। इन सभी नवीन कार्यो के लिए विस्तृत प्राक्कलन की राशि में प्रशासकीय अनुमोदन के बीस प्रतिशत से अधिक इजाफा होता है तो उस दशा में प्राक्कलन का पुनरीक्षित अनुमोदन प्राप्त करना होगा।

अनियमितताओं पर उद्योगों-दुकानों से जुर्माना वसूल सकेंगे कल्याण आयुक्त

मध्यप्रदेश में अब श्रम कल्याण मंडल, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल को देय राशि की वसूली के लिए कल्याण आयुक्त को तहसीलदार की शक्तियों का प्रयोग करने के अधिकार दिए गए है। मध्यप्रदेश श्रम कल्याण निधि अधिनियम की शक्तियों का प्रयोग करते हुए श्रम विभाग ने कल्याण आयुक्त को श्रम कल्याण मंडल , भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल को देय किसी भी राशि की वसूली के लिए मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता के तहत राज्य में जिस तरह बकाया वसूली के अधिकार तहसीलदारों को है वहीं अधिकार अब कल्याण आयुक्त को प्रदान किए गए है।

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अभी तक कल्याण आयुक्त को उद्योगों, कारखानों, दुकानों में अनियमितताएं मिलने पर जुर्माना लगाने और दंड देने के अधिकार तो है लेकिन जुर्माने की वसूली के लिए तहसीलदार की तरह अधिकार नहीं थे इसके लिए जिला प्रशासन की मदद लेना पड़ता था। अब कल्याण आयुक्त को तहसीलदार की तरह अधिकार मिल गए है तो वे बकाया जुर्माना और राशियों की वसूली कर सकेंगे।

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