MP News : वित्त विभाग ने बजट व्यय पर जोड़ा लिमिटेशन, अब ‘अनुमतियां’ जरूरी

Latest MP News : नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वित्त विभाग ने बजट खर्च करने सभी विभागों की लिमिट तय कर दी है। पूंजीगत मदों में मुक्त श्रेणी के खर्चों में 100% और राजस्व व्यय के बजट में 80% बजट आवंटन किया गया है।

Latest MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. वित्त विभाग ने नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट खर्च करने सभी विभागों की लिमिट तय कर दी है। पंूजीगत मदों में मुक्त श्रेणी के खर्चों में सौ प्रतिशत और राजस्व व्यय के बजट में अस्सी प्रतिशत बजट आवंटन किया गया है। इससे अधिक आवश्यकता होने पर वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजना होगा। वित्त विभाग ने नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट आवंटन की जो व्यवस्था तय की है उसके तहत पूंजीगत व्यय के अन्य बजट शीर्षो में प्रावधानित बजट का सौ प्रतिशत बजट जारी किया गया है।

विशेष व्यय सीमा

वित्तीय वर्ष 23-24 के लिए पूंजीगत कार्यो के लिए विशेष व्यय सीमा निर्धारित की गई है। यह विशेष व्यय सीमा त्रैमासिक व्यय सीमा की जगह लागू होगी।

त्रैमासिक व्यय सीमा में परिवर्तन

अनुपूरक बजट प्रावधानों को शामिल करने के बाद वित्तीय वर्ष की शेष अवधि के लिए त्रैमासिक व्यय सीमा परिवर्तित की जा सकेगी। यदि एक बीसीओ दूसरे बीसीहो को राशि हस्तांतरित करता है तो दूसरे बीसीओ द्वारा हस्तांतरित राशि में से किए गए व्यय को पहले बीसीओ की त्रैमासिक व्यय सीमा के अंतर्गत माना जाएगा। ऐसी स्थिति में त्रैमासिक व्यय सीमा में परिवर्तन हो सकेगा।

बजट खर्च के लिए त्रैमासिक कार्य योजना

मुक्त श्रेणी के ऐसे खर्च जिन्हें वर्तमान में त्रैमासिक, विशेष व्यय सीमा से मुक्त रखा गया है जिनमेें वेतन, भत्ते, मजदूरी, न्यायालयीन डिक्री, छात्रवृत्ति, शिष्यवृत्ति, प्राकृतिक आपदा,ऋण अदायगी आदि आवश्यक व्ययों को मुक्त श्रेणी के खर्च में शामिल किया गया है। ऐसे खर्चो पर त्रैमासिक, विशेष व्यय सीमा लागू नहीं होगी। सामान्य श्रेणी के व्यय ऐसे सभी व्यय जो मुक्त श्रेणी में वर्गीकृत नही है उनके लिए त्रैमासिक खर्च सीमा का ध्यान रखना होगा। विभागों की कुछ मदों के लिए विशेष व्यय सीमा तय की जाएगी।

दो तिमाही में 55 प्रतिशत से ज्यादा खर्च नहीं

त्रैमासिक व्यय सीमा का निर्धारण मुक्त श्रेणी एवं विशेष व्यय सीमा के अंतर्गत उपलब्ध आवंटन को छोड़कर शेष वार्षिक आवंटन के आधार पर किया जाएगा। पहली दो तिमाही में अधिकतम 55 प्रतिशत और प्रथम तीन त्रैमास में आवंटन का अधिकतम 80 प्रतिशत तथा केवल चतुर्थ त्रैमास के लिए बजट प्रावधान का तीस प्रतिशत खर्च सीमा तय की गई है।

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