मापदंड़ों पर नहीं उतरे खरे, एमसीयू ने बंद किए 30 स्टडी सेंटर

माखनलाल विश्वविद्यालय ने 30 स्टडी सेंटरों को अकस्मिक निरीक्षण कर उन्हें बंद कर दिया है। वे MCU के मापदंडों को पूर्ण नहीं कर रहे थे। दो साल के कोरोनोकाल में करीब 200 स्टडी सेंटर निरंतरता नहीं ले सके।

उज्जवल प्रदेश, भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय संचार एवं पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने मुनाफा कमाने के उद्देश्य से खोले गए 30 स्टडी सेंटरों को अकस्मिक निरीक्षण कर उन्हें बंद कर दिया है। वे एमसीयू के मापदंडों को पूर्ण नहीं कर रहे थे। दो साल के कोरोनोकाल में करीब 200 स्टडी सेंटर निरंतरता नहीं ले सके, जिसके कारण उन्हें नो एडमिशन की लिस्ट में डाल दिया गया है।

मुनाफा कमाने 30 स्टडी सेंटर ने एमसीयू के मापदंडों को पूर्ण करना छोड दिया था। संबद्धता लेते समय उन्होंने मापदंड पूर्ण किए थे। मुनाफा कमाने के चक्कर में स्टडी सेंटर ने फैकल्टी को बाहर कर दिया। किराये के भवन को कम एरिया और किराये में स्थानांतरित कर लिया है। यहां तक कम्प्यूटर तक हटा दिए गए।

इस संबंध में एमसीयू को काफी शिकायतें मिली थीं। इसके चलते कुलपति केजी सुरेश ने शिकायतों पर गौर करते हुये स्टडी सेंटर का यकायक निरीक्षण कराकर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए। इसके बाद निरीक्षण दलों से वीडियोग्राफी करते हुए स्टडी सेंटरों को मापदंडों को परखा, तो उनमें काफी कमियां दर्ज की गर्इं। एमसीयू ने 30 स्टडी सेंटर को मापदंडों को पूर्ण नहीं करने की दशा में उनकी संबद्धता निरस्त कर दी है।

कोरोना काल भी रहा भारी

2020 से अभी तक करीब 200 स्टडी सेंटरों से प्रवेश लेने की रूचि नहीं दिखाई है। इसकी वजह कोरोनाकाल में विद्यार्थियों के पास प्रवेश लेने फीस नहीं होना है। इसलिये उन्होंने एमसीयू से निरंतरता के आवेदन नहीं किया है। इससे आज की स्थिति में एमसीयू के पास 1800 के स्थान पर करीब 1600 स्टडी सेंटर प्रवेशरत हैं।

1600 स्टडी सेंटरों में 1.30 लाख प्रवेश दर्ज

कुलपति सुरेश के एमसीयू के इतिहास में सबसे ज्यादा प्रवेश कराने वाला सत्र तैयर कर दिया है। वर्तमान सत्र में एमसीयू के 1600 स्टडी सेंटर में एक लाख 30 हजार प्रवेश हुए हैं। गत वर्ष एक लाख 23 हजार प्रवेश हुए थे। यह स्थिति सेंटर बंद और निरंतरता नहीं होने की दशा में हुए हैं।

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