Seoni News: ‘शिव राज’ के सुशासन को नायब तहसीलदार ने 75 हजार में बेचा

मध्य प्रदेश में भूमाफिया राज : सुशासन सप्ताह के बीच राजस्व विभाग के अधिकारी की करतूत हुई उजागर

सिवनी जिले में पदस्थ रविन्द्र पारधी नहीं हटा रहे अतिक्रमण, खूब खा रहे रिश्वत

MP Seoni News: उज्जवल प्रदेश, सिवनी. मध्य प्रदेश में 19 से 25 दिसम्बर तक ‘सुशासन’ सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान जनता की शिकायतों का तेजी से निराकरण करने के लिए सरकार विशेष पहल कर रही है। लेकिन सरकार की इस मंशा को उनके अधिकारी ही पलीता लगा रहे हैं। मामला सिवनी जिले के बंडोल नायब तहसीलदार से जुड़ा है। नायब तहसीलदार रवींद्र पारधी पर 75 हजार रुपये लेकर शासकीय जमीन पर कब्जा करवा रहा है।

शिकायतकर्ता ने मय दस्तावेज बताया है कि ग्राम बीसावाड़ी में भू—माफिया बघेल परिवार सक्रिय है, जिसने गांव में आठ स्थानों पर शासकीय भूमि में कब्जा करके दुकान, मकान बनाया है और कलेक्टर द्वारा सहकारी समिति मर्यादित को दी गई एक एकड़ भूमि में कब्जा करके कृषि कार्य भी​ किया जा रहा है। और यह सब नायब तहसीलदार रवींद्र पारधी के इशारे पर हो रहा है।

आदेश में देरी करके भूमाफिया को दी राहत

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को की गई शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया है कि भूमाफिया ने आठ स्थानों पर कब्जा किया है, लेकिन शिकायतकर्ता में उनकी निजी भूमि से सटी शासकीय भूमि में हो रहे अतिक्रमण की शिकायत नायब तहसीलदार रवींद्र पारधी से 29/07/22 को की थी। पटवारी RI रिपोर्ट में अतिक्रमण साबित होने के बाद उन्होंने 04/08/22 को स्टे दिया। लेकिन अतिक्रमणकारी नंदलाल बघेल से सांठगांठ करके मामला रफा—दफा कर दिया।

शिकायतकर्ता ने जब CM हेल्पलाइन में शिकायत की तो, ढाई महीने बाद 16/09/22 को अतिक्रमण हटाने आदेश किया। शिकायतकर्ता को बहलाते—फुसलाते हुए नायब तहसीलदार ने शिकायतकर्ता से सीएम हेल्पलाइन बंद करने को कहा और शिकायत वापस लेने के बाद बेदखली नहीं की। 4 महीने तक मामला का ​पुन: दबाए रखा। कलेक्टर से शिकायत करने के बाद नायब तहसीलदार ने 17/12/22 को दोबारा नोटिस जारी करके 7 दिन का पुन: समय ​दे दिया। कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग द्वारा आदेश करने के बाद नायब तहसीलदार को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन तब भी उन्होंने नया खेल कर दिया।

रवींद्र पारधी ने सिविल कोर्ट जाने दी सलाह

75 हजार रुपये लेकर बंध चुके नायब तहसीलदार रवींद्र पारधी ने 16 दिसंबर को अतिक्रमणकारी नंदलाल बघेल को सलाह दी कि 17 दिसंबर को तुम्हारा अतिक्रमण हटाने टीम आएगी, इससे पहले तुम सिविल कोर्ट चले जाओ। इसके बाद अतिक्रमणकारी ने 16 दिसंबर को दोपहर 12 बजे सिविल कोर्ट में आनलाइन आवेदन कर दिया। इसके बाद शाम को चालाक नायब तहसीलदार ने अतिक्रमण हटाने का वारंट जारी किया। दूसरे दिन जब 17 दिसंबर को अतिक्रमण हटाने गए तो याचिका दायर करने की रसीद देखकर लौट आए।

याचिका ​रजिस्टर ही नहीं हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं की

17 दिसंबर को जब नायब तहसीलदार अतिक्रमण हटाने पहुंचे तो प्री​ स्क्रिप्टेड तरीके से अतिक्रमणकारी ने आनलाइन आवेदन दिया दिया। यह देखकर नायब तहसीलदार कार्रवाई किये बिना लौट आए। वे चाहते तो कार्रवाई कर सकते थे, क्योंकि न ही याचिका ​रजिस्टर हुई, न ही कोई स्टे मिला था।

कलेक्टर का किया गुमराह

शिकायतकर्ताओं ने चार बार कलेक्टर से मिलकर शिकायत की, लेकिन तहसीलदार रवींद्र पारधी ने कलेक्टर को लगातार ​गुमराह किया। शिकायतकर्ता किसान की निजी भूमि के खेत आने जाने के रास्ते में हो रहा निर्माण को तहसीलदार ने आपसी विवाद करार दिया, जबकि यह निर्माण शिकायतकर्ता की निजी भूमि के सामने शासकीय भूमि हो रहा है और चार किसानों की रास्ता बाधित हो रही है।

स्टे के बाद भी निर्माण करवाया

रवींद्र पारधी की सह पर अतिक्रमणकारियों ने स्टे लगने के बाद भी निर्माण कार्य को अंजाम दिया। नायब तहसीलदार पारधी ने अतिक्रमणकारियों को सलाह दी कि कैसे भी करके घर बना लो, अगर घर पूरा बन जाएगा तो फिर मैं उसे नहीं टूटने दूंगा। नींव भरते समय स्टे लग गया था, लेकिन अतिक्रमणकारी ने उसके बाद भी पूरी दीवार खड़ी कर ली।

आखिर पांच महीने तक क्यों नहीं की कार्रवाई

नायब तहसीलदार रवींद्र पारधी ने खसरा नंबर 212 में हो रहे निर्माण पर शिकायत के बाद भी पांच महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की। इस बीच, अतिक्रमणकारियों के हौसले ​बुलंद होते गए।

अतिक्रमणकारी का भाई भी कर रहा निर्माण

अतिक्रमणकारी नंदलाल बघेल का भाई गजेंद्र बघेल भी वर्तमान में खसरा नंबर 332 में शासकीय जमीन पर कब्जा करके घर ​बना रहा है, इस मामले की शिकायत भी नाय​ब तहसीलदार ने ठंडे बस्ते में डाल दी है। शिकायतकर्ता ने जब शिकायत की थी, तब सिर्फ नींव बनी थी, लेकिन अब पूरा घर बन चुका है, लेकिन नायब तहसीलदार ने अतिक्रमणकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की। वह घर अभी भी बन रहा है।

भूमाफिया के परिवार ने आठ जगह किया है कब्जा

नंदलाल बघेल, गजेंद्र बघेल के परिवार ने ग्राम बीसावाड़ी की शासकीय भूमि में आठ स्थानों पर कब्जा करके करीब 3 एकड़ भूमि में कब्जा कर लिया है। 23 सितंबर 2020 को भी इस मामले में शिकायत हुई थी। जिस पर प्रकरण क्रमांक 0021/अ-68/2020-21 था। इस प्रकरण के अनुसार भूमाफिया बघेल परिवार ने खसरा नंबर 332/1गांव में 6 जगहों पर कब्जा कर के मकान, दुकान बनाए हैं। लेकिन भूमाफिया ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को रिश्वत खिलाकर किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं होने दी। अब वर्तमान नायब तहसीलदार रवींद्र पारधी से जब इसकी शिकायत की तो, उन्होंने भी 75 हजार रुपये लेकर मामला रफा दफा कर दिया।

वर्तमान में दो नए कब्जा कर रहा भूमाफिया

पूर्व से 6 स्थानों में कब्जा कर चुका भू—​माफिया गजेंद्र बघेल अब खसरा 332/1 में नया मकान बना रहा है। जबकि इस मामले की शिकायत हमने अगस्त में की थी,तब इनकी नींव ही बनी थी, लेकिन इसे न ही रोका गया, न ही अतिक्रमण ​गिराया गया, आज पूरा भवन बनकर तैयार है।

सहकारी समिति की भूमि पर किया कब्जा

सिवनी कलेक्टर द्वारा खसरा 332 में भूमि सहकारी समिति को दी गई है, लेकिन अतिक्रमणकारी बघेल परिवार ने उस जमीन के करीब एक एकड़ भाग में कब्जा कर लिया है। वह यहां पर खेती कर रहा है। यह भूमि पुरानी गोदाम के पीछे स्थित है। इस मामले में भी सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की गई है।

आदेश हो चुके, लेकिन नहीं हटा रहे अतिक्रमण

भूमाफिया द्वारा पूर्व में किये गए अतिक्रमण के मामलों में दो साल पहले अतिक्रमण हटाने के आदेश हो चुके हैं, लेकिन नायब तहसीलदार रवींद्र पारधी उसमें बेदखली आदेश नहीं कर रहे हैं।

सीएम, कलेक्टर मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, सीएम हेल्प लाइन क्या कर लेगी

शिकायतकर्ता ने जब नायब तहसीलदार से अतिक्रमण हटाने के लिए आग्रह किया तो, रवींद्र पारधी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता, तुम कलेक्टर से भी शिकायत कर दो, कुछ नहीं होगा। इन सीएम हेल्पलाइन से मैं नहीं डरता।

सीएम हेल्पलाइन को आगे बढ़ाया

नायब तहसीलदार रवींद्र पारधी की शिकायत जब सीएम हेल्पलाइन में की गई तो उन्होंने 8 अलग—अलग अतिक्रमण मामलों में एक ही जवाब प्रस्तुत करके कलेक्टर का गुमराह किया। अतिक्रमण हटाने के बजाय उन्होंने, शिकायत को एल—4 अधिकारी तक पहुंचा दिया।

​अतिक्रमण हटाकर, नायब तहसीलदार पर हो सख्त कार्रवाई

शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि भूमाफिया द्वारा किये गए अतिक्रमण को हटाया जाए। और शासन की गरिमा को नुकसान पहुंचाने वाले, कलेक्टर को गुमराह करने वाले नायब तहसीलदार रवींद्र पारधी पर सख्त कार्रवाई की जाए। शिकायतकर्ता के परिवार ने कहा है कि अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो, मुख्यमंत्री निवास जाकर मय दस्तावेज शिकायत की जाएगी।

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