Maa Tujhe Pranam Yojana 2022: सीमाओं के सफर का आनंद लेने इंदौर संभाग की बच्चियां रवाना

इंदौर
झाबुआ की मुस्कान और सानिया जैसी संभाग के विभिन्न जिलों की लाड़ली लक्ष्मियां सेना का शौर्य देखने की चाहत लिए इंदौर से भोपाल पहुंचीं। इस दल में संभाग के विभिन्न जिलों की 31 बालिकाएं शामिल हैं। इन्हें प्रदेश सरकार की मां तुझे प्रणाम योजना के तहत अमृतसर के समीप वाघा बार्डर पर भ्रमण के लिए ले जाया जा रहा है। इस दल में पूरे प्रदेश से 200 बालिकाओं का चयन किया गया है। इंदौर का दल रविवार को रवाना हुआ था।

मां तुझे प्रणाम योजना के तहत प्रतिवर्ष बच्चों को देश की विभिन्न सीमाओं पर ले जाया जाता है, जिससे वे जान सकें कि देश की रक्षा के लिए सैनिक कितनी मेहनत करते हैं। यात्रा में शामिल बालिकाओं ने सफर का आनंद लिया। इंदौर की अमृता सक्सेना को गर्मी के कारण थोड़ी दिक्कत हुई, लेकिन यात्रा के उत्साह ने उनकी ऊर्जा बनाए रखी। अमृता की मां रानी ने बताया कि सभी बच्चियों को बहुत मजा आ रहा है। वे भारतीय सैनिकों से मिलने और देश की सीमाओं को देखने के लिए उत्सुक हैं। अमृता के दादा भी सीमा सुरक्षा बल (सीसुब) में रह चुके हैं, लेकिन वह पहली बार वाघा बार्डर जा रही है। सोमवार दोपहर को प्रदेश की सभी बालिकाओं का सम्मान समारोह है। इसके बाद दल दादर एक्सप्रेस से अमृतसर के लिए रवाना होगा। हमें खुशी है कि सरकार ने इस योजना के जरिए बालिकाओं को यह अवसर दिया।

वर्तमान यात्रा के लिए अमृता सक्सेना, प्रतिष्ठा उपाध्याय, हर्षिता, पायल (सभी इंदौर), मधु डावर, प्रिया कनाशे, कुमकुम प्रजापति, महिमा भावसार (सभी बड़वानी), विशाखा डोडवे, सृष्टि राठौर, चंचल गुप्ता (सभी आलीराजपुर), अश्विनी कैथवास, खुशहाली, तन्वी, आरुषी (सभी बुरहानपुर), सानिया बारिया, मुस्कार भूरिया, सोनू, हंसिका नामदेव (सभी झाबुआ), रानी, पायल, तृप्ती लाड़, खुशी जैन (सभी धार), सलोनी चौहान, श्रुति डोड, प्रियांशी पटेल, कल्याणी (सभी खंडवा), मितांशी यादव, खुशी पाटीदार, परी, वैदिका (सभी खरगोन) का चयन किया गया है। रविवार को इंदौर रेलवे स्टेशन पर महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक डा. सीएल पासी, रामनिवास बुधौलिया, जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी रीना चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने बालिकाओं का सम्मान किया था। मां तुझे प्रणाम योजना के तहत प्रत्येक जिले से चार-चार बालिकाओं का चयन किया गया है। सात मई को इन सभी की वापसी होगी।

योजना में वाघा बार्डर जाने वाली लाड़ली लक्ष्मियों में भोपाल संभाग से 20, इंदौर संभाग से 31, ग्वालियर से 15, उज्जैन से 26, नर्मदापुरम से 11, शहडोल से 15, रीवा से 12, चंबल से नौ, सागर से 26 और जबलपुर संभाग से 31 बालिकाएं शामिल हैं। इस योजना के तहत अब तक करीब 12, 672 युवाओं को देश की विभिन्न सीमाओं की यात्रा कराई जा चुकी हैं।

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