MP State Civil Supplies Corporation : टेंडर नहीं डालने वाले को मिल गया करोड़ों का राशन परिवहन का ठेका

MP State Civil Supplies Corporation के अफसर निजी ठेकेदारों से मिलकर गोलमाल कर रहे है। द्वार प्रदाय योजना के तहत राशन परिवहन का काम निगम के अफसरों ने उस ठेकेदार को दे दिया है जिसने टेंडर में भाग ही नहीं लिया।

MP State Civil Supplies Corporation : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कारपोरेशन के अफसर निजी ठेकेदारों से मिलकर गोलमाल कर रहे है। द्वार प्रदाय योजना के तहत राशन परिवहन का काम निगम के अफसरों ने उस ठेकेदार को दे दिया है जिसने टेंडर में भाग ही नहीं लिया। अब इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक तक शिकायत होने के बाद गड़बड़ी करने में लिप्त अफसरों में हड़कंप मच गया है।

पूरा मामला जबलपुर जिले में सीहोरा, मंझौली और जबलपुर ग्रामीण क्षेत्र की राशन दुकानों तक द्वार प्रदाय योजना के तहत राशन पहुंचाने से जुड़ा हुआ है। इस क्षेत्र में राशन परिवहन करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। इसमें गोविंद चांदवानी, श्वेता तिवारी और रितेश तिवारी की एक समान न्यूनतम दरें आई थी।

निगम के जबलपुर के अफसरों ने पहले यह काम गोविंद चांदवानी को दिया था। चांदवानी को जानकारी छिपाते हुए टेंडर हासिल करने के कारण उसे ब्लैकलिस्ट किया गया। इसके बाद भी निगम के अफसरों ने गोविंद चांदवानी से परिवहन का काम जारी रखा।

मामला हाईकोर्ट में गया जहां से न्यायालय ने चांदवानी से परिवहन व्यवस्था वापस लेने और दूसरे लोएस्ट ठेकेदार से काम कराने के निर्देश दिए। फिर भी निगम के अफसरों ने गोविंद चांदवानी से परिवहन का काम जारी रखा। बाद में न्यायालय के आदेश के उल्लंघन की शिकायत होने के बाद निगम के अफसरों ने ठेके में भाग लेने वाले दूसरे और तीसरे ठेकेदार को यह काम न देते हुए एक ऐसे ब्लैकलिस्टेड ठेकेदार राहुल चांदवानी को इस क्षेत्र में परिवहन का काम दे दिया है जिसने टेंडर में भाग ही नहीं लिया था।

इस संबंध में निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एलएल अहिरवार और जिला प्रबंधक अमित गौड़ का कहना है कि अभी वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में यह काम पूर्व में राहुल चांदवानी को दिया गया है। टेंडर में शामिल दूसरे प्रस्तावक से इस काम करने को लेकर सहमति मांगी गई है। जैसे ही उनकी सहमति आती है हम भोपाल मुख्यालय से इस संबंध में मार्गदर्शन लेकर यह काम उन्हें सौंप सकते है।

लोएस्ट से राशि जमा कराई अब काम नहीं दे रहे

इस पूरे मामले में दूसरे लोएस्ट ठेकेदार श्वेता तिवारी से परिवहन का काम करने के लिए सहमति मांगी गई थी। उनसे इसके लिए दस लाख रुपए भी जमा कराए जा चुके है लेकिन अफसर अब उन्हें काम देने से पीछे हट रहे है।

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