उज्जैन में पुलिस ने PFI संगठन का दफ्तर किया सील, पापुलर फ्रंट आफ इंडिया पर प्रतिबंध
उज्जैन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पापुलर फ्रंट आफ इंडिया(पीएफआइ) को आतंकी संगठन घोषित करते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ पीएफआइ से जुड़े आठ संगठनों पर भी पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया है।
संगठन पर प्रतिबंध लगते ही मध्य प्रदेश में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। उज्जैन में पुलिस पीएफआइ के दफ्तर पहुंची और दस्तावेज जब्त कर उसे सील कर दिया। पीएफआइ ने मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ में अपना नेटवर्क फैला रखा था, जहां कभी सिमी सबसे ज्यादा सक्रिय रहा था।
एनआइए ने सबसे पहले 22 सितंबर को इंदौर, उज्जैन और भोपाल में पीएफआइ के ठिकानों पर छापा मारा था। इसके बाद एनआइए के इनपुट के आधार पर मध्य प्रदेश एटीएस ने 27 सितंबर को इंदौर, उज्जैन, महिदपुर, नीमच, भोपाल, शाजापुर, श्योपुर, गुना और राजगढ़ से पीएफआइ के सदस्यों को हिरासत में लिया है। इनके पास से भड़काऊ पर्चे, आपत्तिजनक किताबें और धार्मिक पुस्तकें भी मिली हैं।
इंदौर में पीएफआइ दफ्तर पर पुलिस का पहरा
इंदौर में 22 सितंबर को पीएफआइ पर की गई कार्रवाई के बाद यहां संगठन के दफ्तर को सील कर दिया गया था। केंद्र सरकार द्वारा पीएफआइ पर प्रतिबंध लगाने के बाद इंदौर पुलिस ने इसके दफ्तर के बाहर पहरा बढ़ा दिया है।
सिमी के क्षेत्र में पीएफआइ
पीएफआइ ने मध्य प्रदेश में अपने संगठन बढ़ाने के लिए उसी क्षेत्र को चुना जहां कभी सिमी का नेटवर्क सबसे ज्यादा सक्रिय था। इंदौर, उज्जैन, महिदपुर मालवा-निमाड़ के इलाके में पीएफआइ के सदस्य चोरी गुपचुप तरीके से लोगों को अपने साथ जोड़ रहे थे। खरगोन में हुए दंगों में पीएफआइ के जुड़े होने की आशंका भी जताई गई थी। उज्जैन में 17 फरवरी 2021 को पीएफआइ के सदस्यों ने संगठन के स्थापना दिवस पर झंड़े फहराते हुए आपत्तिजनक नारे लगाए थे। उज्जैन में पीएफआइ के सदस्यों ने कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें कई आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थी, इसके बाद उन पर कार्रवाई भी हुई थी।