खुलासा: नशे की गिरफ्त में सबसे अव्वल MP की लाडलियां

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार नशा मुक्ति अभियान चला रही है. लाडली लक्ष्मी, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और बेटी है तो कल है. जैसे बड़े नारे देने वाले राज्य मध्यप्रदेश की बेटियां ही प्रदेश को बदनाम कर रही हैं.

MP News : उज्जवल प्रदेश, भोपाल. मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग का चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. जिसने स्वास्थ्य विभाग चिंता बढ़ा दी है. एमपी में बेटियां नशे में सबसे आगे निकल गईं हैं. नशे की लत में लड़कियां मदहोश होती जा रही हैं. हर गली चौराहे पर आपको लड़कियां सुट्टा लगाते मिल जाएंगी.

दरअसल NHM की डायरेक्टर प्रियंका दास ने उमंग हेल्थ एंव वेलनेस कार्यक्रम के प्रजेंटेशन में आंकड़े बताए हैं. जिसके बाद मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने आंकड़े पेश किए. जिसमें बताया गया कि पिछले 7 साल में सिगरेट पीने वाली लड़कियों का आंकड़ा 9.3% के पार पहुंच गया है. वहीं बीड़ी पीने वाली लड़कियों का आंकड़ा 13.1 प्रतिशत है.

MP News

नेशनल हेल्थ मिशन की डायरेक्टर प्रियंका दास के मुताबिक मध्यप्रदेश की हर 100 में से 7 लड़कियां सिगरेट पी रही हैं, जबकि 11.1% लड़कियां बीड़ी के कश लगा रही हैं. शराब और दूसरी ड्रग्स का सेवन करने वाली लड़कियों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. मध्य प्रदेश में 25 फ़ीसदी युवा लड़के नशे पहले से ही नशे की चपेट में थे. अब लड़कियां भी नशे के मामले में लड़कों के बराबर ही जाम छलकाती हुई नजर आ रही है. पढ़ाई के नाम पर घर से बाहर दूसरे शहरों में हॉस्टल या प्राइवेट रूम लेकर रहने वाली लड़कियों में नशे की लत ज्यादा पाई गई है.

सिगरेट पीने के आंकड़े सामने आने के बाद सरकार पर कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस मीडिया विभाग की उपाध्यक्ष संगीत शर्मा ने सरकार की लाडली लक्ष्मी योजना और बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ योजनाओं को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया कि प्रदेश में किस तरह के हालात है. बेटियों के साथ ये हालात आंकड़ें बयां कर रहे हैं.

बता दें कि नशे की लत ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया है. नशे की लत की वजह से अपराध की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं. यहां तक कि नशे की आदत के कारण आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं. लोग नशे की लत में इस कदर डूब चुके हैं कि यह नशा लोगों को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित कर रहा है.

Related Articles

Back to top button