Silwani News : शास्त्री महाराज बोले – कलयुग में भगवान राम का नाम और गौ माता की सेवा से मनुष्य कर सकता है देव दर्शन

Silwani News : कथा व्यासपीठ रेवा शंकर शास्त्री महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि इस संसार सागर से उद्धार केवल भगवान का राम नाम जपने से हो सकता है।

आदित्य रघुवंशी, उज्जवल प्रदेश, सिलवानी.
Latest Silwani News In Hindi : तहसील के ग्राम सिवनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा महापुराण के तृतीय दिवस के कथा व्यासपीठ रेवा शंकर शास्त्री महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि इस संसार सागर से उद्धार केवल भगवान का राम नाम जपने से हो सकता है। भगवान के नाम का जाप करने व कीर्तन करना और भगवन की लीलाओं का श्रवण के साथ गीता, रामायण, भागवत भक्तमाल जैसे अनेक शास्त्रों का अध्ययन करने से मनुष्य भगवान की प्राप्ति के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति भी कर सकता है।

कथा व्यास पंडित रेवाशंकर ने भक्तों को भागवत कथा का रसास्वादन करते हुए कहा कि अंत करण की पवित्रता से ही परमात्मा की कृपा हमें प्राप्त होती है। हमारे अंत करण में भगवान का निवास सहज में हो जाता है निर्मल मन के साथ हम परमात्मा की शरण उनका आश्रय ग्रहण करेंगे तो हमारा आत्म कल्याण अवश्य हो जाएगा।

श्रीमद् भागवत कथा मोक्ष देने वाली दिव्य कथा है इसके श्रवण से हमारे जीवन में पुण्यों का समावेश होता है। मनुष्य के जीवन में श्रीमद् भागवत की कथा बहुत कल्याणकारी होती है गाय की रक्षा करने से पर्यावरण की सुरक्षा होगी। श्रीमद भागवत कथा के तृतीय दिवस के अवसर पर व्यासपीठ रेवाशंकर महाराज ने श्रद्धालुओं को भागवत कथा सुनाते हुए कहा कि गाय सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर है।

गौ माता के अंदर सृष्टि के सारे देवी देवता वास करते हैं गाय की कृपा से हम विभिन्न प्रकार की समृद्धि प्राप्त करते हैं। गाय हमारी जीविका का साधन होने के साथ-साथ हमारी धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। गाय को सर्व देवमई कहा गया है। कथावाचक ने कहा कि गौ माता में समस्त देवताओं का निवास हमारी सनातन परंपरा की दृढ़ निष्ठा का प्रवर्तक है। वर्तमान परिस्थितियों में गाय की दुर्दशा के लिए कहीं ना कहीं हमारी स्वार्थ प्रवृत्तियां जिम्मेदार हैं।

जब तक गाय हमारे लिए दुग्ध पान कराती है तब तक हम उसकी बहुत अच्छी देखभाल करते हैं। लेकिन जैसे ही वह दुग्ध पान कराना बंद कर देती है। उसके लिए हम तिरस्कार के भाव से अपने घर से बाहर कर देते हैं। वह रास्तों पर चौराहों पर मारी मारी फिरती है।

वर्षा काल में शीतकाल में गौमाता को जो कष्ट होता है उसके हम भागीदार होते हैं। उस पाप के प्रभाव से हमारे जीवन का पतन प्रारंभ हो जाता है। जीवन की उन्नति और पुण्य की प्राप्ति को चाहने वाले गाय का सम्मान करें। सेवा करें और बड़ी दृढ़ता से गोपालन करें ।

पंडित रेवाशंकर ने बताया कि गोपालन से हमारा पर्यावरण सुरक्षित होगा पर्यावरण से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ प्राणी गाय ही है । हमारी आर्थिक व्यवस्था में भी गाय का समृद्धि कारक योगदान है। मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में गोबर और गोमूत्र का अद्वितीय योगदान है। गोचरण के लिए सुरक्षित भूमि का दुरुपयोग समाज में बढ़ गया है उसको रोकने के लिए भी हमें आगे आना चाहिए।

सरकारें हमारा सहयोग तभी कर सकती हैं जब हमारे जीवन में गौ सेवा की दृढ़ता होगी। इसलिए दृढ़ता से गाय की सेवा के लिए समाज के साथ-साथ हर व्यक्ति को गाय की सेवा करने के लिए आगे आना चाहिए।

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