प्रदेश सरकार की पहल, बिल से खरीदारी करने वाले लोग होंगे पुरस्कृत

प्रदेश में उपभोक्ताओं में खरीदी के बाद बिल लेने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और व्यापारी बिना बिल के सामान बेचकर सरकार को दिये जाने वाले टैक्स की चोरी नहीं कर सकेंगे।

उज्जवल प्रदेश, भोपाल. प्रदेश में बिना बिल के हो रही खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने के लिए अब राज्य सरकार ने बिल सहित खरीदी करने वाले खरीदारों को भी पुरस्कृत करेगी। इससे उपभोक्ताओं में खरीदी के बाद बिल लेने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और व्यापारी बिना बिल के सामान बेचकर सरकार को दिये जाने वाले टैक्स की चोरी नहीं कर सकेंगे।

वाणिज्य कर विभाग मध्यप्रदेश बिल संग्रहण एवं पुरस्कार योजना के जरिए यह पुरस्कार देगी। इसके लिए चार श्रेणियों में पुरस्कार दिए जाएंगे। पहली श्रेणी दो सौ रुपए से बीस हजार रुपए तक के बिल पर होगी। दूसरी श्रेणी 20 हजार 1 से लेकर पचास हजार रुपए तक होगी। तीसरी श्रेणी पचास हजार एक से लेकर एक लाख रुपए तक और चौथी श्रेणी एक लाख रुपए से अधिक के बिल अदा करने वाले खरीददारों के लिए होगी।

इन चारों श्रेणियों में से प्रत्येक में तीन के्रताओं का चयन पुरस्कार हेतु किया जाएगा। पुरस्कार के लिए हर छह माह में जारी किए गए बिलों को शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत प्रत्येक छह माह में कुल बारह क्रेताओं, उपभोक्ताओं का कम्प्यूटराईज्ड लॉटरी सिस्टम से चयन किया जाएगा। इसमें पहली श्रेणी के चयनित क्रेताओं को उनके बिल की राशि का पच्चीस प्रतिशत पुरस्कार के रुप में दिया जाएगा।

सरकार को फायदा

अभी अधिकांश किराना दुकानों, मेडिकल शॉप, कपड़े की दुकानों , डेयरी उत्पाद, मिठाई, खाद्यान्न और ऐसी ही रोजमर्रा की जरुरतों की सामग्री खरीदी के समय अधिकांश खदीददार सामग्री खरीदी के बाद बिल लेने में रुचि नहीं रखते। विक्रेता भी जो खरीददार बिल मांगते है उन्हें ही बिल देते है सभी को बिल जारी नहीं किए जाते। कई रेडीमेड गारमेंट, किराना, जनरल स्टोर, बिजली सामग्री विक्रेता और अन्य दुकानदार सादा कागज पर कच्चा बिल जारी करते है।

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