499 साल बाद बन रहा Diwali पर तीन ग्रहों का यह दुर्लभ संयोग

इस वर्ष पांच दिवसीय दीपोत्सव छह दिनों का ही होगा। छोटी दीपावली यानि रूप चौदस 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसी तरह धनतेरस भी 22 अक्टूबर की रहेगी।

भोपाल
इस वर्ष पांच दिवसीय दीपोत्सव छह दिनों का ही होगा। छोटी दीपावली यानि रूप चौदस 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसी तरह धनतेरस भी 22 अक्टूबर की रहेगी। 26 को अन्नकूट एवं गोवर्धन पूजन और 27 की भैया दूज पर्व मनाया जाएगा। साथ ही इस साल दीपावली पर ग्रहों का बड़ा खेल देखने को मिलेगा।

दिवाली पर गुरु ग्रह अपने स्वराशि मीन और शनि अपने स्वराशि मकर में रहेगा, जबकि शुक्र ग्रह तुला राशि में रहेगा। बताया जा रहा है कि दीपावली पर तीन ग्रहों का यह दुर्लभ संयोग 2022 से पहले 1521 में बना था। ऐसे में यह संयोग 499 साल बाद बन रहा है।

अमावस्या को धरती पर विचरण करती हैं माता महालक्ष्मी

दीपावली का महापर्व पंच महोत्सव होता है, लेकिन इस बार पांच दिन का न होते हुए छह दिन का महोत्सव होगा। 22 को धनतेरस से दीप पर्व का शुभारंभ होकर 27 नवंबर को भाई दूज के दिन संपन्न होगा। धार्मिक मान्यता है कि जिस दिन सूर्यास्त के बाद एक घड़ी अधिक तक अमावस्या तिथि रहे, उस दिन दिवाली मनाई जाती है।

कार्तिक अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं। अमावस्या की रात्रि में ही माता धरती पर विचरण करती हैं। इसी वजह से यह पर्व अमावस्या की रात को मनाना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

अमावस्या तिथि और लक्ष्मी पूजा

इस बार अमावस्या तिथि 24 दोपहर 4.34 बजे से शुरू होगी और दूसरे दिन 25 नवंबर को दोपहर 4.4 बजे तक रहेगी। यही वजह है कि माता लक्ष्मी का पूजन 24 अक्टूबर सोमवार को होगा।

धनतेरस 2022 तिथि

त्रयोदशी तिथि 22 की दोपहर 4:4 से शुरू होकर 23 अक्टूबर को शाम 4:35 बजे तक रहेगी। 22 को ही प्रदोष व्रत भी रहेगा। ऐसे में 22 अक्टूबर को ही धनतेरस मनाई जाएगी, क्योंकि धनतेरस प्रदोष के दिन ही रहती है।

नरक चौदस एवं रूप चतुर्दशी

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 35 मिनट से प्रारंभ होगी। नरक चतुर्दशी तिथि का समापन 24 अक्टूबर 2022 को शाम 04 बजकर 34 मिनट पर होगा। इस साल नरक चतुर्दशी, रूप चौदस यमदीप दान एक ही दिन 23 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगा।

अभ्यंग स्नान मुहूर्त – सुबह 05:08 – सुबह 06:31 (24 अक्टूबर 2022)

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