मेवाड़ अगले दो दिनों तक सियासत का रहेगा केंद्र, सीएम अशोक गहलोत को करारा जवाब देने की तैयारी में भाजपा
उदयपुर
जनजाति बाहुल्य क्षेत्र उदयपुर अगले दो दिनों तक सियासत के केंद्र में रहेगा। भाजपा और कांग्रेस के नेता लगातार उदयपुर संभाग का दौरा कर रहे हैं। यहां से उठने वाले सियासी बयान राज्य की सत्ता को लेकर चर्चा में रहते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया गुरुवार को ही उदयपुर पहुंचने वाले हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कांग्रेस के अन्य नेताओं का अगले एक-दो दिनों में उदयपुर आने का प्रोग्राम है।
दरअसल भाजपा के दोनों कद्दावर नेता उदयपुर में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम को उदयपुर में किए जाने का भी एक खास मकसद है। उदयपुर संभाग के 15 विधानसभा क्षेत्र जनजाति के लिए आरक्षित हैं। दूसरी वजह यह है कि इस समय कांग्रेस की आजादी गौरव यात्रा भी उदयपुर संभाग में चल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन दिन पहले ही डूंगरपुर से गुजरात सीमा पर इस यात्रा का स्वागत किया था और संघ पर हमला बोला था। अब उसी जगह से भाजपा भी कांग्रेस को जवाब दे सकती है। इसके साथ ही भाजपा के दोनों नेता यहां भाजपा के मंडल अध्यक्षों, विभिन्न मोर्चों और पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद दोनों झाड़ोल पहुंचकर पूर्व जिलाध्यक्ष भंवर सिंह पंवार के पिता को श्रद्धांजलि देंगे। यहां से दोनों बांसवाड़ा रवाना हो जाएंगे।
उदयपुर में हो सकता है कांग्रेस का चिंतन शिविर
इधर, कांग्रेस का चिंतन शिविर उदयपुर में होने की संभावना है। इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तैयारी में जुटे हुए हैं। इससे पहले भी वह यहां चिंतन शिविर के लिए स्थान देखकर गए थे। हालांकि उनका 21 अप्रैल को उदयपुर आने का प्रोग्राम स्थगित हो गया है। सूत्रों का कहना है कि 23 या 24 अप्रैल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुर आ सकते हैं। पहले दौरे में भी सीएम खुद यह बात बोलकर गए थे कि वे 21 अप्रैल को उदयपुर आएंगे। प्रदेश के जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर भी शुक्रवार को उदयपुर आ सकते हैं। वे यहां कुछ कार्यक्रम में शामिल होंगे।