डोर-टू-डोर सर्वे में खुली पोल, घर में एसी और कार फिर भी वर्षों से मुफ्त ले रहे राशन

नई दिल्ली
घरों में एयर कंडीशनर और कारों का इस्तेमाल करने वाले संपन्न और संभ्रांत लोग भी राशन कार्ड बनवाकर कई वर्षों से मुफ्त का राशन खा रहे थे। जिला स्तर पर राशन कार्ड का सत्यापन शुरू हुआ तो ऐसे एक या दो नहीं, बल्कि हजारों मामले सामने आ चुके हैं। अपात्र उपभोक्ताओं के पास राशन कार्ड होने का मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। इन अपात्र उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए टीमें गठित कर घर-घर सर्वे शुरू किया गया है। राशन कार्ड की आड़ में गरीबों के हक पर डाका डाल रहे अपात्र लोगों पर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसके लिए राशन कार्ड धारकों का सत्यापन किया जा रहा है। साथ ही आपूर्ति विभाग ने शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की कुल 367 राशन की दुकान पर अपात्रता की सूची भी चस्पा कर दी है, ताकि लोग जागरूक हो सकें और अपने कार्ड को निरस्त कराने के लिए जमा कर सकें।

उधर, सत्यापन शुरू होने के कुछ ही दिनों में ही जिस तरह से तीन हजार अपात्र उपभोक्ता राशन कार्ड सरेंडर कर चुके हैं, इससे राशन कार्ड धारकों की संख्या में बड़ा गड़बड़झाला होने की आशंका बनी हुई है। जिले में सात हजार अंत्योदय व 2.05 लाख सामान्य मुफ्त राशन कार्ड धारक हैं, लेकिन अपात्रों के कार्ड बने होने के कारण गरीबों के राशन पर अमीरों का कब्जा हो गया है। विभाग ने इसको लेकर सत्यापन कार्य शुरू किया है।

कोरोना काल में संख्या बढ़ी
बताया जाता है कि कोरोना काल में रोजगार जाने व लॉकडाउन समेत अन्य परेशानी के चलते ज्यादा संख्या में लोगों ने राशन कार्ड बनवाए थे ताकि मुफ्त राशन पा सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में राशन कार्ड धारकों की संख्या बढ़ी थी। कुछ लोगों ने महंगाई के कारण विभागीय कर्मचारियों से सांठगांठ कर गलत जानकारी के आधार पर राशन कार्ड बनवाया है।

चार मोहल्ले रडार पर
जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि दादरी के नई आबादी गौतमपुरी, एस्कॉर्ट कॉलोनी, गुर्जर कॉलोनी, 24 फुटा रोड मोहल्ले में हर दूसरे घर में अपात्रों के पास राशन कार्ड हैं। टीम भेज मोहल्लों का सर्वे भी कराया था, यहां हर घर में एसी और कार खड़ी मिलीं हैं।

वर्षों पहले मरे लोगों के भी कार्ड सरेंडर
विभाग में उनके राशन कार्ड भी पहुंच रहे हैं, जिनकी कई वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है। उनके परिवार के सदस्य उन लोगों के नाम पर जारी कार्ड दिखाकर राशन की दुकानों से गेहूं, चावल, तेल, नमक व चना ले रहे थे। ऐसे धारकों की संख्या भी जिले में काफी ज्यादा है। हालांकि, 200 मृत लोगों के ही राशन कार्ड जमा हुए हैं। गौतमबुद्ध नगर के जिला आपूर्ति अधिकारी चमन शर्मा ने बताया कि जिले में राशन कार्ड धारकों का सत्यापन किया जा रहा है। अबत क तीन हजार अपात्र उपभोक्ता अपने कार्ड सरेंडर कर चुके हैं। अपात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ब्लॉकवार टीमें गठित की गई हैं।

 

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