बिहार में पंचायत ने नवदंपती को सुनाई सजा- क्रांतिकारी मत बनो, उठो…पत्नी को लो और गांव से निकलो

पारू (मुजफ्फरपुर)
मुजफ्फरपुर जिले के देवरिया थाना क्षेत्र के एक गांव में युवक ने विधवा से शादी रचा ली। यह बात गांव के कुछ लोगों को पंसद नहीं आई। उन्होंने इस पर पंचायत बैठा दी। इसके बाद पंचों ने दंपती को गांव छोडऩे का फरमान जारी कर दिया। इसका पालन नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई है। इससे दंपती परेशान हैैं। उन्होंने डीएम व एसएसपी से सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है।

तीन बच्चों की मां है दुल्हन
बताते हैैं कि तीन बच्चों की मां के पति का एक साल पहले निधन हो गया था। इसके बाद वह सास-ससुर व बच्चों के साथ रहकर अपने ही दरवाजे पर आंगनबाड़ी केंद्र संचालित करने लगीं। इस दौरान उसके पास काम बढ़ गया। इसके चलते उसने एक युवक से सहयोग लेना शुरू किया। धीरे-धीरे सेविका की अविवाहित युवक से नजदीकियां बढ़ गईं। यही नहीं, दोनों ने 16 जून 2022 को पूर्वी चंपारण के केसरिया मंदिर में जाकर शादी रचा ली। इसके बाद मुजफ्फरपुर न्यायलय से 15 जुलाई 2022 को कानूनन शादी कर युवक के साथ रहने लगी। इसकी चर्चा गांव में जोर पकडऩे लगी। इस पर 17 जुलाई को पंचों ने पंचायती बुलाई। इसमें पंचों ने सर्वसम्मति से फैसला लेते हुए 25 जुलाई तक दंपती को गांव छोड़ देने का फरमान जारी कर दिया।

तीन लाख रुपये की भी मांग
दंपती ने बताया कि पंचायती में कहा गया है कि तीन लाख रुपये दो और गांव छोड़कर चले जाओ। गांव नहीं छोडऩे पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई है। दोनों ने बताया कि कुछ लोग गांव से भगाकर सेविका पद पर अपने परिवार की महिला का चयन करवाना चाहते हैैं। डीएम व एसएसपी को आवेदन देकर न्याय के साथ सुरक्षा की गुहार लगाई है। वहीं, थानाध्यक्ष उदय कुमार सिंह ने बताया कि दोनों की उम्र सही है। गांव छोडऩे का पंचों द्वारा दिया गया आदेश कानूनन अपराध है। जांच कर दोषी पंचों पर कार्रवाई की जाएगी। ग्राम पंचायत राज चांदकेवारी की मुखिया रीना कुमारी ने कहा कि जानकारी मिली है कि कुछ पंचों ने दंपती को गांव छोड़कर जाने का फरमान जारी किया है। यह कानूनन अपराध है। कानून को अपने हाथ में लेना गलत है। 

Related Articles

Back to top button