11 शहरों में खंगाली जा रही राजस्व परिषद के पूर्व निजी सचिव की संपत्ति
लखनऊ
राजस्व परिषद के चेयरमैन के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल की 11 शहरों में पुलिस संपत्तियां खंगाल रही है। पुलिस को जानकारी मिली है कि डोबरियाल ने यूपी के बाहर भी करोड़ों की संपत्ति खरीदी थी। डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा ने 11 शहरों में टीम भेजी है। मलिहाबाद में भी कई अफसरों ने बाग खरीदे हैं, जिसकी पड़ताल के लिए टीम गठित की गई है। उसी तहसील में जमे हैं हेरफेर करने वालेः राजस्व परिषद के चेयरमैन के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल के संबंध पिछली सरकार के कुछ मंत्रियों से भी थे। सपा सरकार में डोबरियाल ने कई अधिकारियों को करोड़ों की जमीन दिलाई थी। इसमें एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी का नाम भी सामने आ रहा है। पुलिस इस दिशा में भी छानबीन कर रही है। उधर, अहिमामऊ में जमीन घोटाले में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से सवाल उठ रहे हैं।
बड़ा सवाल ये है कि जिन कर्मचारियों की संलिप्तता जमीन घोटाले में है वे अभी भी सरोजनीनगर तहसील में जमे हुए हैं। क्या वे जांच प्रभावित नहीं करेंगे? कर्मचारियों के उसी तहसील में बने रहने से क्या साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकती है? जिला प्रशासन अथवा जांच कमेटी की ओर से अभी तक मौजूदा अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसमे कई विवेकानंद के खास हैं। यही वजह है कि इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। नियम के मुताबिक जो कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हों उन्हें जांच होने तक विभागीय कार्य से दूर रखा जाता है। बावजूद इसके सभी न केवल पद पर बने हैं बल्कि काम भी कर रहे हैं।
ये है मामला
राजस्व परिषद के चेयरमैन के सेवानिवृत्त निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल पर कैसरबाग कोतवाली में भ्रष्टाचार और वसूली की एफआइआर दर्ज कराई गई है। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद डोबरियाल फरार हो गया था। डोबरियाल राजस्व कर्मचारियों पर दबाव बनाकर ट्रांसफर पोस्टिंग और जमीनों पर कब्जा आदि का खेल सालों से कर रहा था। शासन की सख्ती के बाद आरोपित पर कार्यवाही की गई है। कैसरबाग पुलिस ने विवेकानंद पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया है। एसटीएफ भी आरोपित की तलाश में छापामारी कर रही है। हालांकि अभी तक उसका कुछ पता नहीं चल सका है।