भरतपुर में ऐतिहासिक बराह भगवान मंदिर को ही बेच दिया, मंत्री विश्वेंद्र सिंह के कलेक्टर को लिखा पत्र
भरतपुर
राजस्थान के भरतपुर जिले में ऐतिहासिक मंदिर भू माफियाओं के निशाने पर है। जिले के ऐतिहासिक प्राचीन मंदिरों और सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया। आलम यह है कि जिले के ऐतिहासिक बराह भगवान मंदिर को ही बेच दिया गया है। इतिहासकारों की मानें तो जब भरतपुर के महाराजा जवाहर सिंह दिल्ली पर आक्रमण करने जा रहे थे उससे 2 हफ्ते पहले उन्होंने बराह मंदिर जाकर आशीर्वाद लिया था। जिसके बाद महाराजा जवाहर सिंह के जीत हुई थी। दिल्ली को फतह किया था। राज्य सरकार की जमीन से अतिक्रमण या कब्जे को हटाने के लिए कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह सख्त हो गए है। मंत्री ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर भू माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
मंदिर की जगह दुकान का निर्माण
प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर पर कब्जा कर लिया गया है। वहां घर बन चुका है। दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। इतना ही नहीं प्राचीन बराह भगवान केसरी मूर्ति को बेच दिया और उसकी वैसे ही डुप्लीकेट मूर्ति रख दी। कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी मंदिर की भूमि से अतिक्रमण और कब्जा को हटाने के लिए जिला कलेक्टर आलोक रंजन को निर्देशित किया है । महाराजा सूरजमल से लेकर महाराजा सवाई बृजेंद्र सिंह तक सभी राजाओं में ना केवल जिले में बल्कि शहर में सैकड़ों की संख्या में मंदिरों का निर्माण कराया था । यहां के राजाओं की देव शक्ति में आस्था का ही नतीजा था कि भरतपुर का लोहागढ़ दुर्ग हमेशा अजेय रहा। भरतपुर शहर में सैकड़ों की संख्या में ऐतिहासिक प्राचीन मंदिरों पर कब्जे हो चुके हैं जिन पर निर्माण हो चुके हैं और इन अतिक्रमणकारियों ने मंदिरों को तोड़कर घर और दुकान बना लिए हैं । लेकिन इन मंदिरों की रक्षा करने वाला देवस्थान विभाग खुद अतिक्रमणकारियों का साथ देकर इन मंदिरों को बेच रहा है। इन ऐतिहासिक प्राचीन मंदिरों के पास हजारों बीघा कृषि भूमि भी होती थी जो अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई।