यूट्यूबर RANVIR ILAHABADIYA को सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा शो प्रसारण की दी चेतावनी भरी PERMISSION

यूट्यूबर RANVIR ILAHABADIYA ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से सोशल मीडिया पर अपने शो फिर से प्रसारित करने देने की गुहार लगाई है।

RANVIR ILAHABADIYA: नई दिल्ली. माता-पिता पर भद्दे कमेंट कर विवादों में आए यूट्यूबर (Youtuber) रणवीर इलाहाबादिया (RANVIR ILAHABADIYA) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से सोशल मीडिया पर अपने शो (Show) फिर से प्रसारित (Re-Broadcast show) करने देने की गुहार लगाई है।

इंडिया गोट लेटेंट मामले में ⁠रणबीर इलाहाबादिया (RANVIR ILAHABADIYA) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने रणवीर को शो करने की इजाजत दे दी है। रणवीर की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। ⁠इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर उस आदेश में संशोधन करने की मांग की गई। जिसमें कहा गया था कि अगले आदेशों तक याचिकाकर्ता व उसके साथी कोई शो नहीं करेंगे। इलाहाबादिया की ओर से कहा गया कि उनके 280 कर्मचारी हैं। ⁠ये उनके जीवन यापन का सवाल है, ⁠वो हस्तियों के इंटरव्यू भी करते हैं।

राइट होने का ये मतलब नहीं कि कुछ भी बोले

SC ने कहा कि एक व्यक्ति है जो अब 75 साल का है और एक हास्य शो करता है। आपको देखना चाहिए कि यह कैसे किया जाता है। ⁠पूरा परिवार इसे देख सकता है। यही प्रतिभा है। ⁠गंदी भाषा का इस्तेमाल करना प्रतिभा नहीं है। इसमें रचनात्मकता और प्रतिभा का तत्व है। SG ने कहा कि हां, ऐसे बहुत से हास्य कलाकार हैं जो अच्छे व्यवहार का इस्तेमाल करते हैं और सरकार की कड़ी आलोचना करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बोलने का फंडामेंटल राइट होने का मतलब ये नहीं कि कोई कुछ भी बोल सकता है। इस शो को सब लोग देखते हैं। बच्चे देखते हैं, बेटा बेटी, मां बाप सब देखते हैं।

सोशल मीडिया के अश्लील कंटेंट पर क्या बोला कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि अलग अलग समाज का नैतिक मानक अलग-अलग हो सकते हैं। हमने खुद को अधिकारों की गारंटी दी है। लेकिन वे शर्तों के अधीन हैं। सोशल मीडिया की सामग्री पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। नैतिकता और आजादी के बीच संतुलन बनाने वाले नियमों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसे मसौदा नियमों पर विचार करने को कहा। केंद्र से ऑनलाइन सामग्री के लिए नियमों पर मीडिया सहित हितधारकों की राय आमंत्रित करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि ह्यूमर एक ऐसी चीज है जिसका आनंद पूरा परिवार ले सकता है।।। टैलेंट अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करती।

हमारी धारणाएं अन्य देशों से अलग

SG ने कहा कि नैतिकता के बारे में हमारी धारणाएं अन्य देशों से बहुत अलग हो सकती है। कुछ दिशा-निर्देश होने चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि समाज दर समाज, नैतिक मानक अलग-अलग हो सकते हैं। हमने अपने लिए अधिकारों की गारंटी दी है, लेकिन वे शर्तों के अधीन हैं। कुछ करने की जरूरत है। कुछ दिशा-निर्देश तय किए जाने चाहिए। नैतिकता के बारे में हमारी धारणाएं दूसरे देशों से बहुत अलग हैं। अमेरिका में झंडा जलाना पहले संशोधन के तहत एक मौलिक अधिकार है और यहां यह एक अपराध है
SC ने कहा कि लेकिन हमारे पास अभिव्यक्ति का अधिकार है, बोलने का अधिकार है। जस्टिस कांत ने कहा कि लेकिन हम कोई ऐसी नियामक व्यवस्था नहीं चाहते जो सेंसरशिप के बारे में हो। लेकिन यह सभी के लिए स्वतंत्र मंच भी नहीं हो सकता। जस्टिस कांत ने कहा कि सोचिए कि ऐसा कौन सा सीमित विनियामक उपाय हो सकता है जिससे सेंसरशिप न हो। जिसमें कुछ हद तक नियंत्रण का तत्व होना चाहिए। यह भावी पीढ़ी के पोषण का भी सवाल है। कुछ करने की जरूरत है ⁠अगर कोई चैनल पर कुछ देखना चाहता है, तो उसे देखने दें।

असम पुलिस ने बुलाया फिर भी नहीं आए

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह अश्लील ही नहीं विकृत है। मैंने शो देखा और मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि मैं और अटॉर्नी जनरल यह शो एक साथ नहीं देख सकते हैं। असम पुलिस ने बुलाया था लेकिन वो नहीं आया। जस्टिस कांत ने कहा कि कुछ लोग हैं जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि पर लेख लिख रहे हैं। हम जानते हैं कि उन्हें कैसे संभालना है। हर मौलिक अधिकार के बाद कर्तव्य आता है। प्रतिबंध भी होते हैं।

अपने किए पर पश्चाताप होगा

SG ने कहा कि कुछ समय के लिए उन्हें चुप रहने दें। जस्टिस कांत ने कहा कि हमें उम्मीद है कि उन्हें अपने किए पर पश्चाताप होगा। अब अपने चैनल पर वे ऐसी कोई भाषा नहीं बोलेंगे जो समाज के नैतिक ढांचे का उल्लंघन न करती हो। चाहे वह किसी भी आयु वर्ग का हो। ऐसे नैतिक और शालीनता मानकों के अधीन हों। SG ने कहा कि मैं इसके आड़े नहीं आना चाहता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हां, 280 कर्मचारी हैं और यहां तक ​​कि उनके परिवार भी दांव पर लगे हैं।

अश्लील कंटेट पर कोर्ट का केंद्र से सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने एक यूट्यूब कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से अशोभनीय टिप्पणी करने के लिए सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर’ रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ दर्ज कई FIR को लेकर उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था उन टिप्पणियों के लिए उनकी कड़ी आलोचना भी की थी। इस मामले में दखल देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि क्या वह यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री के बारे में कुछ करने जा रही है।

रणवीर इलाहाबादिया ने मानी गलती

पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया ने महाराष्ट्र साइबर पुलिस को दिए गए अपने बयान में कहा है कि उसने विवादास्पद बयान देकर गलती की है। एक यूट्यूब शो के दौरान इलाहाबादिया की अभद्र टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया था। महाराष्ट्र साइबर और मुंबई पुलिस कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ पर इलाहाबादिया द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी की जांच कर रही है।

क्यों विवादों में रणवीर इलाहाबादिया

इलाहाबादिया ने माता-पिता और सेक्स के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी जिसकी देशभर में काफी आलोचना हुई और इस मामले में एफआईआर दर्ज की गईं। रणवीर के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा जमकर फूटा। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर रणवीर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।
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