सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना : मप्र में अब किसानों को सरकार देगी सस्ती बिजली
Surya Mitra Krishi Feeder Yojana: किसानों को और ज्यादा सशक्त बनाने के लिये मप्र सरकार ने निर्णय लिया है कि सिंचाई के लिये और सस्ती बिजली मुहैया कराई जाए, जिससे किसान खेती को लाभ का धंधा बना सकें।

Surya Mitra Krishi Feeder Yojana: उज्जवल प्रदेश डेस्क. किसानों को और ज्यादा सशक्त बनाने के लिये मप्र सरकार ने निर्णय लिया है कि सिंचाई के लिये और सस्ती बिजली मुहैया कराई जाए, जिससे किसान खेती को लाभ का धंधा बना सकें। बता दें कि भारत में कृषि को और अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मप्र व केन्द्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
इसके लिए सरकार की तरफ से किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं तो वहीं कुछ नई योजनाओं को शुरू किया जा रहा है। इसी कड़ी में किसानों की सिंचाई संबंधी समस्या के समाधान के लिए एमपी सरकार की तरफ से “सूर्य मित्र फीडर योजना” शुरू की गई है।
भारी–भरकम बिजली के बिल से मिलेगी राहत
बता दें कि योजना के तहत मप्र के किसानों को सस्ती कीमत पर बिजली मिल सकेगी जिससे उनके लिए सिंचाई का काम और ज्यादा आसान हो जाएगा जिससे उनकी खेती बढ़ेगी और लाभ भी होगा। राज्य के किसान इस योजना के तहत स्वयं बिजली का उत्पादन कर सकेंगे और सस्ती बिजली की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना से किसानों को भारी–भरकम बिजली के बिल से छुटकारा मिल सकेगा।
किसान बिजली उत्पादक” बन सकते हैं
मध्य प्रदेश के नये एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने “सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” के माध्यम से किसानों को दिन में भी सस्ती बिजली दी जा सकेगी। इसके तहत कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा, जिससे डीजल और परंपरागत बिजली की खपत कम होगी।
मंत्री ने बताया कि अब किसान छोटे निवेशकों की तरह सौर ऊर्जा में भी निवेश कर “बिजली उत्पादक” बन सकते हैं और इसके लिये उन्हें आर्थिक फायदा प्राप्त होगा। योजना का मुख्य उद्देश्य फसल उत्पादन लागत को कम करना और सिंचाई को आसान व सुलभ बनाना है।
अतिरिक्त आय प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा
मप्र में सौर ऊर्जा आधारित इस सौर योजना का सीधा लाभ एमपी के लाखों किसानों को मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत लाखों किसानों को खेत में दिन के समय स्थाई और लाभदायक बिजली आपूर्ति दी जाएगी, जिससे वे रात्रि में बिजली कटौती या लो-वोल्टेज की समस्या से बच सकेंगे। सरकार का मानना है कि इस पहल से न केवल कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, बल्कि किसानों को बिजली बिल में राहत और अतिरिक्त आय प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा।
ओवर व लो वोल्टेज से मिलेगा छुटकारा
“सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना” के तहत सबसे अहम बात यह है कि ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से बिजली देने के लिए फीडर स्तर पर सोलर प्लांट सरकार लगाएगी। सरकार ने कहा है कि अब तक 8000 अलग से कृषि फीडर्स स्थापित किए जा चुके हैं, जिन पर लगभग 35 लाख कृषि पंप काम कर रहे हैं। इन फीडर्स पर सोलर संयंत्र स्थापित कर सीधे 11 किलो वोल्ट साइड पर बिजली दी जाएगी। इससे न केवल सब-स्टेशनों का लोड घटेगा, बल्कि ओवरलोडिंग, लो वोल्टेज और पावर कट जैसी समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
200 मेगावाट की परियोजनायें प्रक्रियाधीन हैं
मप्र में सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 80 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं आसानी से स्थापित की जा चुकी हैं, जिससे अब तक 16,000 से अधिक कृषि पंप सौर ऊर्जा से बिजली प्राप्त कर रहे हैं। वहीं इसके अलावा 240 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापना की प्रक्रिया में हैं। इसी के साथ ही 200 मेगावाट की परियोजनाएं प्रक्रियाधीन हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से कुल 1 लाख से अधिक पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा।