TCS की नई स्टडी में खुलासा- आधे से ज्यादा कंज्यूमर EV अपनाने को तैयार
TCS Study: उज्जवल प्रदेश, मुंबई. भारत समेत दुनिया के 64 फीसदी कंज्यूमर अपने अगले वाहन के रूप में इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने को तैयार हैं। टीसीएस की स्टडी में इसे चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की चुनौती के रूप में देखा गया।

TCS Study: उज्जवल प्रदेश, मुंबई. भारत समेत दुनिया के 64 फीसदी कंज्यूमर अपने अगले वाहन के रूप में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) को अपनाने को तैयार हैं। टीसीएस की स्टडी (TCS Study) में इसे चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर (Charging Infrasture) की चुनौती के रूप में देखा गया। 56 फीसदी उपभोक्ता 40,000 अमेरिकी डॉलर तक का भुगतान करने को तैयार हैं।
एक नई स्टडी से पता चला है कि दुनियाभर में 64 फीसदी उपभोक्ता अपनी अगली गाड़ी के रूप में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदने के लिए तैयार है। यह स्टडी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने किया है। इसमें भारत समेत दुनिया के कई देशों के लोगों को शामिल किया गया। हालांकि, चार्जिंग की सुविधा न होना अभी भी एक बड़ी चुनौती है। लगभग 60 फीसदी लोगों ने इसे चिंता का विषय बताया है।
अमेरिका में EV को लेकर सबसे ज्यादा क्रेज
टीसीएस की इस स्टडी (TCS Study) से पता चलता है कि ईवी का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों को लेकर लोगों का उत्साह सबसे ज्यादा है। वहां 72 फीसदी लोगों ने कहा कि वे अपनी अगली गाड़ी ईवी ही खरीदेंगे। यह आंकड़ा दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले काफी ज्यादा है।
EV के लिए लाखों खर्च करने को तैयार
काफी सारे लोग इलेक्ट्रिक वाहन (EV), यानी कार या टू-व्हीलर के लिए अच्छी-खासी रकम खर्च करने को भी तैयार हैं। 56 फीसदी लोगों ने कहा कि वे एक ईवी के लिए 40,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 35 लाख रुपए) तक दे सकते हैं। टीसीएस ने वाहन निर्माता कंपनियों, चार्जिंग स्टेशन बनाने वालों, गाड़ियों की फ्लीट चलाने वालों, ग्राहकों और ईवी को बढ़ावा देने वालों से बात की। इस स्टडी में पता चला कि ज्यादातर लोग ईवी की तरफ बढ़ रहे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं।
चार्जिंग की समस्या बड़ी बाधा
चार्जिंग स्टेशन की कमी ईवी मार्केट के ग्रोथ में सबसे बड़ी बाधा है। 74 फीसदी कार मेकर्स ने इस बात पर सहमति जताई। चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाना बहुत जरूरी है। ज्यादा चार्जिंग स्टेशन होने से लोग बिना किसी चिंता के लंबी दूरी की यात्रा कर सकेंगे।
बैटरी टेक्नोलॉजी में सुधार पर जोर
अच्छी बात यह है कि कार निर्माता भी ईवी के भविष्य को लेकर काफी उम्मीद पाले हैं। 90 फीसदी मैन्युफैक्चरर्स का मानना है कि बैटरी तकनीक में सुधार से ईवी की रेंज और चार्जिंग स्पीड बढ़ेगी। इससे ईवी और भी ज्यादा आकर्षक बनेंगे। बेहतर बैटरी से इलेक्ट्रिक वाहन लंबी दूरी तय कर सकेंगे और कम समय में चार्ज हो जाएंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के डिजाइन और परफॉर्मेंस में भी सुधार होगा।
पुरानी कारें खरीदने वालों में 76% ने पहली बार कार खरीदी
नई दिल्ली। देश में पुरानी कारों के प्रति उत्साह को दर्शाते हुए, 2024 के दौरान 76 प्रतिशत ग्राहकों ने पहली बार कार खरीदी। वहीं 60 फीसदी महिलाओं ने ऑटोमैटिक हैचबैक और 18 फीसदी ने कॉम्पैक्ट एसयूवी को पसंद किया। यह जानकारी पुरानी कारों के प्लेटफॉर्म स्पिनी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में दी है।
26 फीसदी महिला कस्मर
वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल की बिक्री में पिछले साल के 73 प्रतिशत के आंकड़े से 3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। सेकंड हैंड कार मार्केट में महिला खरीदार अब कुल ग्राहक आधार का 26 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करती हैं और हर साल महिला खरीदारों की कुल संख्या लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से 60 प्रतिशत ऑटोमैटिक हैचबैक पसंद करती हैं, जबकि 18 प्रतिशत कॉम्पैक्ट एसयूवी पसंद करती हैं।
सबसे पसंदीदा बनी हुई है रेनॉल्ट की क्विड
शीर्ष तीन पसंदीदा कार मॉडलों में 2024 में बदलाव देखा गया। रेनॉल्ट क्विड सबसे पसंदीदा बनी हुई है और हुंडई ग्रैंड आई10 ने अपना दबदबा बनाए रखा है, जबकि मारुति सुजुकी स्विफ्ट ने बलेनो की जगह लेते हुए शीर्ष तीन में प्रवेश किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हैचबैक सबसे पसंदीदा श्रेणी बनी हुई है, जो कॉम्पैक्ट, मूल्य-संचालित वाहनों के लिए बढ़ती प्राथमिकता को दर्शाती है। साल के अंत के रुझानों को संबोधित करते हुए, स्पिनी के संस्थापक और सीईओ, नीरज सिंह ने कहा कि कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जिसमें इकोस्पोर्ट जैसे मॉडल सर्वोच्च स्थान पर है।
82 फीसदी लोगों ने पेट्रोल गाड़ियों को पसंद किया
भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट में पेट्रोल की गाड़ियों को 82 फीसदी लोगों ने पसंद किया। वहीं डीजल वाहनों की डिमांड में 12 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्रमश: 4 प्रतिशत और 2 प्रतिशत पर स्थिर हैं।
डेटा से पता चला है कि ग्राहकों की औसत आयु पिछले साल 34 से घटकर 32 वर्ष हो गई है, जो युवा खरीदारों के लिए अपील का संकेत है जो एक विश्वसनीय और आसान कार-खरीद अनुभव की तलाश में हैं। ग्राहक 2023 में 12 प्रतिशत की तुलना में 22 प्रतिशत ग्राहकों ने अपग्रेड का विकल्प चुना है।
56 फीसदी ने फायनेंस का विकल्प चुना
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 56 प्रतिशत ग्राहकों ने अपनी कार खरीद को सुविधाजनक बनाने के लिए वित्तपोषण विकल्प चुना, इनमें से 60 प्रतिशत ग्राहक 25-30 आयु वर्ग के हैं, जो वित्तपोषण पर बढ़ती निर्भरता का संकेत है।