आतंकी हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों को सरकार देती है 3 लाख रुपए तक की मदद

Terrorist Attack Death: आतंकी हमले में जान गंवाने व 50 फीसदी तक विकलांग होने पर सरकार उनके व उनके परिजनों को 3 लाख तक की आर्थिक सहायता करती है व पीड़त नक्सली क्षेत्र से है तो उसे 1 लाख तक की अतिरिक्त राशि दी जाती है।

Terrorist Attack Death: उज्जवल प्रदेश डेस्क. आतंकी हमले में जान गंवाने व 50 फीसदी तक विकलांग होने पर सरकार उनके व उनके परिजनों को 3 लाख तक की आर्थिक सहायता करती है व पीड़त नक्सली क्षेत्र से है तो उसे 1 लाख तक की अतिरिक्त राशि दी जाती है। पहलगाम हमले का दर्द हमसे कोई नहीं भूला है। हालांकि ऑपरेशन सिंदूर ने जरूर इन जख्मों पर कुछ मरहम लगाने का काम किया, लेकिन बौखलाया पाकिस्तान अब भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।

एकमुश्त आर्थिक मदद मिलती है

आतंकी या नक्सली हमले या फिर किसी भी तरह के दंगे में जान गंवाने वालों के परिजनों को राज्य सरकार उनकी आर्थिक मदद देती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक योजना है जो ऐसी मुश्किल घड़ी में मदद का हाथ बढ़ाती है। बता इें कि इस योजना के तहत अगर किसी की जान आतंकी हमले, नक्सली हमले या फिर किसी भी तरह के सांप्रदायिक दंगे में चली जाती है तो उनके परिजनों को सरकार की ओर से एकमुश्त आर्थिक मदद की जाती है।

यह है सरकार की योजना

इस योजना का नाम Central Scheme for Assistance to civilian Victims of Terrorist, Communal and Naxal violence है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की सहायता करना है। बता दें कि साल 2008 से जारी इस योजना के अंतर्गत अगर आतंकी या नक्सली हमले में किसी की जान चली जाती है या वो पूर्ण रूप से विकलांग हो जाता है तो उनका परिवार इस आर्थिक मदद के लिए आवेदन करना होता है। यह योजना सभी के लिए है।

सरकार की ओर जान जाने या 50 फीसदी से ज्यादा विकलांगता होने की स्थिति में परिजनों को 3 लाख रुपये की मदद की जाती है। वहीं सबसे बड़ी बात ये है कि अगर कोई नक्सल प्रभावित क्षेत्र SRE जिलों में है, तो एक लाख रुपये की अतिरिक्त मदद मिलती है।

विदेशी और NRI भी पात्र हैं इस योजना से

सरकार की गाइड लाइन है कि इस योजना के अंतर्गत मात्र भारतीय नागरिकों को ही नहीं बल्कि विदेशियों और NRIs को भी आर्थिक मदद दी जाती है। हमले से पीड़ित परिवारों को एक हेल्थ कार्ड भी जारी किया जाता है, जिसके माध्यम से फ्री इलाज कराया जा सकता है। पीड़ितों को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का भी लाभ दिया जाता है। यहां तक कि हमले में मारे गए लोगों के बच्चों की भी लगातार मदद की जाती है।

आतंकियों के परिवार को नहीं मिलता योजना का लाभ

सबसे बड़ी बात ये है कि सरकार की कई योजनाओं की तरह इस योजना में भी साफ है कि अगर आतंकी हमले और साजिश में शामिल लोगों के परिजनों को किसी तरह की कोई मदद नहीं की जाएगी।

3 साल के भीतर कर सकते हैं आवेदन

अगर पीड़ित परिवार घटना के तीन साल के अंदर आवेदन फॉर्म भरकर DM या राज्य सरकार के कार्यालय में जमा करा सकते हैं। हालांकि सरकार के नियमों के तहत यह 3 लाख रुपये तत्काल आप निकाल नहीं सकते हैं। केंद्र सरकार की तरफ से हमले में मारे गए आदमी के माता-पिता, पत्नी या पति या परिवार के किसी सदस्य के नाम से बैंक में फिक्स डिपोजिट (FD) कर दिया जाता है।

इसमें हर तिमाही पर बैंक की तरफ से ब्याज भी जुड़ता रहेगा। 3 साल के बाद परिजन के खाते में पूरा पैसा ट्रांसफर कर दिया जाएगा। वहीं अगर हमले में मारे गए व्यक्ति का करीबी नाबालिग है तो 18 साल की उम्र होने पर ही यह पैसा दिया जाएगा।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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