खारून नदी में मूर्ति विसर्जन के बाद छोड़े गए अवशेष एवं सफाई नहीं कराए जाने पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

बिलासपुर

खारून नदी में मूर्ति विसर्जन के बाद छोड़े गए अवशेष एवं सफाई नहीं कराए जाने से संबंधित खबरों पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने नगरीय प्रशासन सचिव समेत अन्य को नोटिस जारी कर पूरे प्रदेश की स्थिति पर व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने कहा है.

मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सिन्हा के डिवीजन बेंच ने कहा कि इन खबरों से पता चलता है कि खारुन नदी के किनारे बने तालाब में मूर्तियों के विसर्जन के बाद अवशेष वहीं छोड़ दिए गए हैं. मूर्तियों की मिट्टी और संरचनाएं वहीं रखी हुई हैं. पानी सूख गया है, और दलदल बन गया है. इलाके के बच्चे इस दलदली तालाब में उतरकर खेल रहे हैं. ऐसी स्थिति में छोटी सी चूक भी खतरनाक हो सकती है.

सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कहा कि प्रदेशभर में प्रतिमा विसर्जन के लिए तालाब या फिर नदी का चयन किया गया था. जिन जगहों पर प्रतिमा विसर्जन किया गया है, वर्तमान में क्या स्थिति है, सफाई की गई है या नहीं. राजधानी रायपुर जैसी स्थिति तो नहीं है. इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव को व्यक्तिगत शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी पेश करने के लिए कहा. जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 8 नवंबर की तिथि तय कर दी है.

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।

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