New Income Tax Bill से टैक्स सिस्टम होगा आसान, नियम होंगे सरल, टैक्सपेयर्स को मिलेगी राहत!

New Income Tax Bill 2025: पुराने जटिल नियमों को हटाकर टैक्स सिस्टम को सरल बनाएगा। टैक्स दरें नहीं बदलेंगी, लेकिन कानूनी उलझनें कम होंगी और ITR फाइलिंग आसान होगी।

New Income Tax Bill 2025: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भारत सरकार ने नए इनकम टैक्स बिल 2025 को लोकसभा में पेश किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल बनाना और कानूनी उलझनों को कम करना है। नए कानून में 1961 के पुराने टैक्स एक्ट की तुलना में कम धाराएं, स्पष्ट नियम और आसान भाषा का उपयोग किया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन बेवजह की जटिलताओं को खत्म किया गया है।

पुराने IT एक्ट की तुलना में ज्यादा सरल और स्पष्ट

भारत सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य मौजूदा टैक्स सिस्टम को आसान और प्रभावी बनाना है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि यह बिल 1961 में बने पुराने इनकम टैक्स एक्ट की तुलना में ज्यादा सरल और स्पष्ट है। इसमें गैरजरूरी प्रावधान हटाए गए हैं ताकि टैक्स भरने की प्रक्रिया सुगम हो सके।

सरकार के मुताबिक, नया बिल मौजूदा टैक्स दरों को बनाए रखेगा, लेकिन कई जटिलताओं को दूर करेगा। इससे कानूनी विवाद कम होंगे और टैक्सपेयर्स को टैक्स नियमों को समझने में आसानी होगी।

ऐसे बदलेगा नया इनकम टैक्स बिल

नए इनकम टैक्स बिल 2025 को पुराने कानून की तुलना में आधा छोटा बनाया गया है। यह मौजूदा कानून के मुकाबले कम शब्दों और धाराओं में टैक्स नियमों को परिभाषित करता है।

  • पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 में कुल 5.12 लाख शब्द थे, जबकि नए बिल में केवल 2.6 लाख शब्द हैं।
  • पहले 819 धाराएं थीं, लेकिन नए बिल में यह घटकर 536 धाराएं रह गई हैं।
  • अलग-अलग विषयों के लिए बनाए गए 47 चैप्टर अब केवल 23 चैप्टर में समेट दिए गए हैं।
  • नए कानून से 1,200 से ज्यादा पुराने प्रावधान और 900 से ज्यादा स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं, जिससे नियमों की जटिलता कम होगी।

क्या नए बिल में टैक्स दरों में बदलाव होगा?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ किया है कि नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार का उद्देश्य सिर्फ टैक्स नियमों को आसान और पारदर्शी बनाना है, ताकि करदाता बिना किसी उलझन के टैक्स जमा कर सकें।

टैक्स फाइलिंग होगी आसान

नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स फाइलिंग को कम समय लेने वाली और सरल बनाने पर जोर दिया गया है।

  • सैलरी से जुड़े सभी नियम एक ही जगह रखे गए हैं, जिससे नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स भरना आसान होगा।
  • ग्रेच्युटी, पेंशन, वीआरएस और छंटनी मुआवजे को एक ही सेक्शन में कवर किया गया है।
  • टीडीएस (TDS) और टीसीएस (TCS) से जुड़े नियम अब तालिकाओं के रूप में दिए गए हैं, जिससे इन्हें समझना सरल होगा।
  • गैर-लाभकारी संस्थानों (NGOs) के लिए भी टैक्स नियम आसान किए गए हैं, ताकि वे आसानी से अनुपालन कर सकें।

कानूनी उलझनें होंगी कम

सरकार का कहना है कि नया इनकम टैक्स बिल कानूनी उलझनों और मुकदमों को कम करेगा। पुराने कानून में कई ऐसे नियम थे, जिनकी अलग-अलग व्याख्या की जा सकती थी, जिससे कोर्ट में विवाद बढ़ते थे।

  • अब नियमों को स्पष्ट और आसान भाषा में लिखा गया है, ताकि किसी भी तरह की गलतफहमी न हो।
  • टैक्सपेयर्स को अब कम दस्तावेजों की जरूरत होगी, जिससे कानूनी झंझट कम होंगे।
  • करदाताओं को बार-बार टैक्स अफसरों के पास जाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि नियम डिजिटल और स्वचालित प्रणाली के अनुरूप बनाए गए हैं।

नए इनकम टैक्स बिल की मौजूदा स्थिति

यह बिल फिलहाल लोकसभा की चयन समिति (Select Committee) के पास भेजा गया है, जो 10 मार्च 2025 तक अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद इसे संसद में बहस के लिए रखा जाएगा और फिर इसे लागू करने का फैसला लिया जाएगा।

नए इनकम टैक्स बिल से टैक्सपेयर्स को कैसे फायदा होगा?

  • कम जटिलता: पुराने टैक्स कानून की तुलना में नया कानून ज्यादा सरल और स्पष्ट होगा।
  • तेजी से टैक्स फाइलिंग: टैक्स नियमों को समझना आसान होने से टैक्स फाइलिंग में कम समय लगेगा।
  • कानूनी झंझट कम होंगे: कोर्ट में मामलों की संख्या घटेगी, जिससे टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी।
  • डिजिटल प्रक्रिया को बढ़ावा: टैक्स रिटर्न फाइलिंग और अन्य प्रक्रियाएं डिजिटल होंगी, जिससे समय और मेहनत की बचत होगी।

क्या नए बिल से सभी करदाताओं को लाभ होगा?

सरकार का दावा है कि यह बिल सभी टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा, चाहे वह सैलरी पाने वाले हों, बिजनेसमैन हों या फिर कोई संगठन। नए नियमों से छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स को भी राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें अब कम कागजी कार्यवाही करनी होगी।

अगला कदम क्या होगा?

सरकार इस बिल को जल्द से जल्द लागू करना चाहती है। यदि लोकसभा और राज्यसभा में यह बिल पास हो जाता है, तो 2025-26 के वित्तीय वर्ष से इसे लागू किया जा सकता है।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

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