ओंकारेश्वर बांध के गेट खोलने से नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ा

धार

नर्मदा के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते नर्मदा बेल्ट पर बने बांधो के गेट खोलने से नर्मदा का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है । रविवार को ओंकारेश्वर बांध के 18 गेट खोले जाने से निसरपुर के कोटेश्वर तीर्थ में नर्मदा का जलस्तर 124 मीटर दर्ज किया गया । एनवीडीए के एस डी ओ आर.वी. सिंह ने बताया कि निसरपुर स्थित उरी वाघनी नदी पर बने पुल का लेवल 127 मीटर पर पुल के बराबर पानी होगा वही 127.500 मीटर होने से पुल पूरी तरह जलमग्न हो जाएगा । ऊपरी क्षेत्रों के बांधो से गेट खोलकर लगातार छोड़े गए पानी से नर्मदा की सहयोगी नदी उरी वाघनी में भी सरदार सरोवर बाँध का बैक वाटर काफी तेजी से बढ़ रहा है । तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने नदी के दोनो और जे सी बी की मदद से गढ्ढे करवाकर पुल से आवागमन बंद कर दिया गया है । साथ ही पुल के दोनो छोर पर पुलिस के दो दो जवान तैनात किए गए है ।

किसान होंगे परेशान
किसान देवेंद्र(सन्टू) कामदार ने बताया नर्मदा नदी का जल स्तर बढ़ने  से निसरपुर नदी पर बना पुराना पुल आज बन्द कर दिया गया । जिसकी वजह से नदी पार जिन किसानों के खेत है उन्हें अब तीन नही पन्द्रह से सत्रह किलो मीटर का  अतिरिक्त फेर घूमना पड़ेगा । कृषि में उपयुक्त उपकरणो सहित  फसलों को लाने  में कठनाइयों का सामना करना पड़ेगा ।  

व्यापार व्यवसाय पर पड़ेगा असर    
नदी पार के ग्रामीण क्षेत्रों का निसरपुर से सीधे सड़क संपर्क मार्ग हो जाएगा अवरूध कोणदा ,दोगांवा, चंदनखेड़ी, डहेर ,नवपाटी सहित कई छोटे बड़े आसपास के दर्जनों गांवों के संपर्क निसरपुर से कट जाएगा जिससे निसरपुर के व्यापार पर भी असर देखने को मिलेगा आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रो से आने वाले ग्राहकों से जहाँ निसरपुर के हाट-बाजार में जो रौनक दिखाई देती है , वह रौनक पुल बन्द होने से  कई महीनों बाद देखने को मिलेगी ।

Sourabh Mathur

सौरभ माथुर एक अनुभवी न्यूज़ एडिटर हैं, जिनके पास 13 वर्षों का एडिटिंग अनुभव है। उन्होंने कई मीडिया हॉउस के संपादकीय टीमों के साथ काम किया है। सौरभ ने समाचार लेखन, संपादन और तथ्यात्मक विश्लेषण में विशेषज्ञता हासिल की, हमेशा सटीक और विश्वसनीय जानकारी पाठकों तक पहुंचाना उनका लक्ष्य रहा है। वह डिजिटल, प्रिंट और ब्रॉडकास्ट मीडिया में भी अच्छा अनुभव रखतें हैं और पत्रकारिता के बदलते रुझानों को समझते हुए अपने काम को लगातार बेहतर बनाने की कोशिश करते रहतें हैं।

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