Mahila Samrddhi Yojana को शुरू करने अभी और हो सकती हैं 2 या 3 बैठकें

Mahila Samrddhi Yojana : दिल्ली में महिला समृद्धि योजना को शुरू करने बड़ा पेंच फंसा हुआ है। सरकार परिवार में से एक ही महिला को इस योजना के तहत 2500 रुपये देना चाहती है। लेकिन दिल्ली में ऐसे परिवार बड़ी संख्या में हैं, जहां एक से ज्यादा महिलाएं हैं।

Mahila Samrddhi Yojana : उज्जवल प्रदेश डेस्क. दिल्ली में महिला समृद्धि योजना को शुरू करने बड़ा पेंच फंसा हुआ है। सरकार परिवार में से एक ही महिला को इस योजना के तहत 2500 रुपये देना चाहती है। लेकिन दिल्ली में ऐसे परिवार बड़ी संख्या में हैं, जहां एक से ज्यादा महिलाएं हैं।

बता दें कि शुक्रवार को रेखा गुप्ता सरकार ने अपने सौ दिन की रिपोर्ट कार्ड भी जारी की है। इसमें सरकार की कईउपलब्धियां गिनाई गईं। मालूम हो कि महिला समृद्धि योजना के 2500 रुपये आखिर कब खाते में आना शुरू होंगे। यह योजना आखिर कहां अटकी है, इसे लेकर लेटेस्ट अपडेट सामने आई है।

5100 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया था

दिल्ली में भाजा की सरकर बनते ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मार्च में इस योजना के लिए 5100 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी। वहीं इस संबंध में एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित कर दी थी। इसके बावजूद इसके अभी तक यह योजना काफी आगे नहीं बढ़ पाई है।

सूत्रों की मानें तो इस समिति की पहली बैठक पिछले हफ्ते ही हुई है। सीएम रेखा गुप्ता के अलावा कानून मंत्री कपिल मिश्रा और शिक्षा मंत्री आशीष सूद भी इस समिति के सदस्य हैं। इस बैठक में महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सीनियर अफसर भी मौजूद थे।

सालाना आय 2.5 लाख रुपये है तो मिलेगा योजना का लाभ

नियमों को तैयार करने में लगी हुई है। इस बात पर सहमति बनती दिख रही है कि जिन परिवारों की सालाना आय 2.5 लाख रुपये तक है, उन्हें ही इस योजना के अंतर्गत रखा जाएगा। इसके अलावा 21 से 59 साल की महिलाएं ही इस योजना के लिए पात्र होंगी।

इन महिलाओं को नहीं मिलेगा योजना का लाभ

सरकार की गाइड लाइन के अनुसार अगर आपके घर में कार है या आपके परिवार से कोई सरकार को टैक्स भरता है तो 2500 रुपये नहीं मिलेंगे। वहीं जिन परिवारों में कोई सरकारी नौकरी में है या पेंशन ले रहा है तो उन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

यहा फंसा है पेंच

दिल्ली में महिला समृद्धि योजना को लेकर एक बड़ा पेंच फंसा है। सरकार परिवार में से एक ही महिला को इस योजना के तहत 2500 रुपये देना चाहती है। लेकिन दिल्ली में ऐसे परिवार बड़ी संख्या में हैं, जहां एक से ज्यादा महिलाएं हैं। कई ऐसे भी परिवार हैं, जो आज भी संयुक्त रूप से ही रह रहे हैं। इसलिए बड़ा पेंच इसी बात पर फंस रहा है कि आखिर परिवार की परिभाषा क्या होनी चाहिए?

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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