शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जाती ये वस्तुएं, जानें क्यों

पौराणिक ग्रंथों में भगवान शिव को दयालु हृदय बताया गया है और सच्ची श्रद्धा से पूजा अर्चना करने पर महादेव प्रसन्न हो जाते हैं। यदि सोमवार को आप भी भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं तो इस दौरान कुछ बातों की विशेष सावधानी रखनी चाहिए।

देवों के देव महादेव का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और पूरी दुनिया में भगवान शिव (भोलेनाथ) को अलग रूपों में भी पूजा जाता है। भगवान शिव को शिवलिंग के रूप में भी पूजा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में भगवान शिव को दयालु हृदय बताया गया है और सच्ची श्रद्धा से पूजा अर्चना करने पर महादेव प्रसन्न हो जाते हैं। यदि सोमवार को आप भी भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं तो इस दौरान कुछ बातों की विशेष सावधानी रखनी चाहिए। भगवान शिव को पूजा के दौरान इन चीजों को चढ़ाना धर्म ग्रंथों में वर्जित बताया गया है।

कुमकुम नहीं चढ़ाते

हिंदू धर्म ग्रंथों व आगम ग्रंथों के मुताबिक कुमकुम को बेहद शुभ व पवित्र माना गया है, लेकिन पूजा के दौरान भगवान शिव को कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता है। भगवान शिव को वैरागी माना जाता है, इसलिए भगवान शिव को कुमकुम नहीं अर्पित किया जाता है।

नहीं चढ़ाते तुलसी

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र व पूजनीय माना जाता है। देवताओं की पूजा में तुलसी की पत्तियां चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है, लेकिन शिवलिंग पर कभी भी तुलसी पत्र अर्पित नहीं करते हैं। दरअसल तुलसी को विष्णुप्रिया माना जाता है, इसलिए इसे शिवजी को अर्पित करने से विष्णु का अपमान समझा जाता है।

हल्दी भी वर्जित

भगवान शिव की पूजा करते समय हल्दी चढ़ाना भी वर्जित हैं। हिंदू धर्म में हर शुभ काम में हल्दी का प्रयोग होता है, लेकिन, शिव की पूजा में हल्दी का उपयोग वर्जित होता है क्योंकि हल्दी स्त्रियोचित वस्तु है और शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है। यहीं कारण है शिवलिंग पर हल्दी लगाना शुभ नहीं माना जाता है।

केतकी और केवडा

भगवान शिव को केतकी के फूल अर्पित नहीं किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि केतकी को भगवान शिव से श्राप मिला था, इसलिए शिव पूजा में केतकी के फूल नहीं रखे जाते हैं। वहीं भगवान शिव को केवड़ा भी नहीं चढ़ाया जाता है। केवड़ा को ध्यान भंग करने वाला माना जाता है।

Deepak Vishwakarma

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