US News: राष्ट्रपति TRUMP ने ‘Black Lives Matter’ के समर्थक शीर्ष जनरल और नौसेना प्रमुख को किया बर्खास्त

US News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को पेंटागन में बड़े पैमाने में फेरबदल किए हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम जनरल सीक्यू ब्राउन जूनियर का है, जिन्हें ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन पद से अचानक हटा दिया।

US News: उज्जल प्रदेश, वाशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति (President) डोनाल्ड ट्रंप (TRUMP) ने शुक्रवार को पेंटागन में बड़े पैमाने में फेरबदल किए हैं। इसमें सबसे बड़ा नाम जनरल (General) सीक्यू ब्राउन जूनियर का है, जिन्हें ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन पद से अचानक हटा (Sacks) दिया।

बता दें कि, जनरल सीक्यू ब्राउन को एक कुशल सैन्य अधिकारी माना जाता था और वे इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे अश्वेत व्यक्ति थे।   जनरल सीक्यू ब्राउन ने 16 महीने तक इस पद पर रहते हुए यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव जैसे बड़े मुद्दों को संभाला था। लेकिन उनके हटाए जाने की मुख्य वजह मानी जा रही है कि उन्होंने अमेरिकी सेना में विविधता और समानता का समर्थन किया था।

ट्रंप प्रशासन सेना से इस तरह के विचार रखने वाले अधिकारियों को हटाने की नीति अपना रहा है। जनरल सीक्यू ब्राउन ने 2020 में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद ‘Black Lives Matter’ आंदोलन का समर्थन (Supporter) किया था। उस समय उन्होंने खुलकर कहा था कि अश्वेत होने के कारण उन्हें अपने करियर में कई तरह के भेदभाव झेलने पड़े। ट्रंप प्रशासन को यह बयान पसंद नहीं आया और यही कारण है कि अब उन्हें पद से हटा दिया गया है।

ट्रंप ने सीक्यू ब्राउन को दिया धन्यवाद

राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में जनरल सीक्यू ब्राउन की तारीफ की और धन्यवाद देते हुए कहा, ‘वे एक अच्छे इंसान और बेहतरीन नेता हैं। मैं उनके और उनके परिवार के लिए उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। बता दें कि, जनरल सीक्यू ब्राउन एक अनुभवी फाइटर पायलट हैं।

ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के नए चेयरमैन कौन? 

इसके साथ ही राष्ट्रपति ट्रंप ने एयर फोर्स के लेफ्टिनेंट जनरल डैन रेजिन केन को नया ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ का नया चेयरमैन बनाने का प्रस्ताव रखा है। जानकारी के मुताबिक, जनरल केन एक अनुभवी एफ-16 लड़ाकू विमान पायलट हैं। उन्होंने इराक में युद्ध, स्पेशल ऑपरेशन और पेंटागन के कई गोपनीय अभियानों में काम किया है। हालांकि, उन्होंने सेना में उन अहम पदों पर काम नहीं किया है जो इस पद के लिए जरूरी माने जाते हैं। लेकिन ट्रंप विशेष अधिकार का उपयोग करके इस नियम को बदल सकते हैं।

पेंटागन में और भी बड़े बदलाव किए गए

इसके साथ ही ट्रंप प्रशासन ने दो अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को निकाला है। इसमें अमेरिकी नौसेना की चीफ (Navy Chief) एडमिरल लिसा फ्रैंचेटी और वायुसेना के वाइस चीफ जनरल जिम स्लाइफ को भी उनके पद से हटाया गया है। ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले भी कोस्ट गार्ड कमांडेंट एडमिरल लिंडा फेगन को हटा दिया था।

ट्रंप के फैसले पर छिड़ा राजनीतिक विवाद

डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले पर अमेरिकी कांग्रेस में भारी विवाद छिड़ गया है। विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट्स ने ट्रंप प्रशासन इस कदम को सेना का राजनीतिकरण करार दिया है। वहीं सीनेट के रक्षा मामलों की समिति के सदस्य जैक रीड ने कहा, ‘अमेरिकी सेना को हमेशा राजनीतिक दबाव से दूर रखा गया है। यह फैसला खतरनाक है और इसे रोका जाना चाहिए।’ वहीं, ट्रंप समर्थक नेताओं ने इसे सेना को मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम बताया है।

जनरल ब्राउन के हटाए जाने की पटकथा

दरअसल, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने अपने एक पुराने बयान में संकेत दिए थे कि वे जनरल सीक्यू ब्राउन को हटाना चाहते हैं। जब उनकी नियुक्ति की सुनवाई हुई, तो उनसे पूछा गया कि क्या वे जनरल सीक्यू ब्राउन को हटाएंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘हर वरिष्ठ सैन्य अधिकारी की समीक्षा मेरिट, मानकों, सैन्य ताकत और दिए गए आदेशों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के आधार पर होगी।’ रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने अपनी एक किताब में यह भी सवाल उठाया था कि जनरल सीक्यू ब्राउन को चेयरमैन पद उनकी योग्यता के कारण मिला या फिर वे अश्वेत होने के कारण चुने गए?

अमेरिकी सेना में बड़े बदलाव की आशंका!

वहीं सेना के पूर्व अधिकारी और विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप वोकिज्म यानी प्रगतिशील विचारों को खत्म करने के लिए सेना में बड़े बदलाव कर रहे हैं। जबकि रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने पहले ही इशारा दिया था कि वे सेना में योग्यता आधारित सिस्टम लागू करेंगे और किसी भी नेता को उसकी राजनीतिक सोच के आधार पर हटाया जा सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप के इस कदम से अमेरिकी सेना में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। एक तरफ वे सेना में विविधता और समानता को कम कर पारंपरिक सैन्य संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ इस फैसले की आलोचना भी हो रही है।

Ramesh Kumar Shaky

रमेश कुमार शाक्य एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिनके पास 22 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई प्रतिष्ठित समाचार संगठनों के साथ काम किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। वे समाचार का प्रबंधन करने, सामग्री तैयार करने और समय पर सटीक समाचार प्रसारण सुनिश्चित करने में माहिर हैं। वर्तमान घटनाओं की गहरी समझ और संपादकीय कौशल के साथ, उन्होंने समाचार उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने राजनीति, व्यापार, संस्कृति और अंतर्राष्ट्रीय मामलों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में समाचार कवरेज एवं संपादन किया है।
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