TRUMP के TARRIF सुधार के बाद अमेरिकी STOCK MARKET धड़ाम, मंदी की आशंका
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TRUMP: उज्जवल प्रदेश, वाशिंगटन. राष्ट्रपति ट्रंप (TRUMP’s) के टैरिफ प्लॉन (TARRIF Reform) में सुधार के बाद अमेरिकी शेयर बाजार (STOCK MARKET) में बीते कुछ दिनों से हाहाकार मचा हुआ है। प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट (Crashes) के साथ मंदी (Recession) की आशंका (Fear) गहरा गई है, जिसने वैश्विक निवेशकों को चिंता में डाल दिया है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा है कि “अब अमीर बनने का वक्त आ गया है,” जिससे बाजार में और अनिश्चितता फैल गई है। दरअसल ट्रंप द्वारा 2 अप्रैल को घोषित ‘रिसिप्रोकल टैरिफ’ नीति के चलते अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। वॉल स्ट्रीट लगातार दूसरे दिन फ्री फॉल में चली गई, जिससे कोविड काल के बाद की सबसे बड़ी मंदी की स्थिति पैदा हो गई है। विश्लेषकों के अनुसार यह व्यापार युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को मंदी की ओर धकेल सकता है।
Dow Jones में 5.5% की गिरावट
शुक्रवार को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 5.5 फीसदी की गिरावट देखी गई, वहीं S&P 500 इंडेक्स करीब 5.97 फीसदी टूटा। इस बड़ी गिरावट से निवेशकों के रिटायरमेंट फंड और पोर्टफोलियो में भारी नुकसान हुआ है। एजेंसी एएफपी के मुताबिक इस आर्थिक झटके से अमेरिका को करीब 6 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, टैरिफ के कारण उपभोक्ता खर्च में कमी और कंपनियों की आय पर असर पड़ रहा है। टेक दिग्गज जैसे ऐपल और नाइकी के शेयरों में 15% तक की गिरावट देखी गई, जिससे करीब 2 लाख करोड़ डॉलर का बाजार पूंजीकरण डूब गया। अमेरिकी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष ने भी चेतावनी दी है कि टैरिफ नीति से आर्थिक विकास धीमा हो सकता है और महंगाई बढ़ सकती है।
“यह अमीर बनने का सबसे अच्छा समय”: ट्रंप
इस गंभीर आर्थिक स्थिति के बावजूद, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने फैसले पर अडिग नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “यह अमीर बनने का सबसे अच्छा समय है – पहले से भी ज्यादा अमीर!!!” उन्होंने दावा किया कि यह नीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था को “सुपरचार्ज” करेगी और बड़ी कंपनियां टैरिफ को लेकर चिंतित नहीं हैं।
“बड़ी डील से अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट”
ट्रंप ने कहा, “बड़े व्यापार टैरिफ से चिंतित नहीं हैं क्योंकि वे जानते हैं कि ये नीति स्थायी है। वे ‘बिग, ब्यूटीफुल डील’ पर केंद्रित हैं जो हमारी अर्थव्यवस्था को सुपरचार्ज कर देगी।” उनका मानना है कि इन टैरिफ से विदेशी कंपनियों को अमेरिका में निर्माण के लिए प्रेरित किया जाएगा जिससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी।
चीन का दुर्लभ खनिजों पर प्रतिबंध
चीन ने ट्रंप के टैरिफ का जवाब देते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 34 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो 10 अप्रैल से लागू होगा। साथ ही, चीन ने अमेरिका को रेयर अर्थ एलिमेंट्स- जैसे समेरियम, गेडोलिनियम, टर्बियम, डाइस्प्रोसियम आदि- के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये खनिज उच्च तकनीक, चिकित्सा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं और अमेरिका का 70% आयात इन्हीं खनिजों का चीन से होता है।
WTO में जाने की तैयारी
चीन ने चेतावनी दी है कि वह अमेरिका के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज कराएगा। इन घटनाओं के बाद वैश्विक स्तर पर मंदी का खतरा मंडराने लगा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, अगर किसी देश की GDP दो लगातार तिमाहियों तक घटती है, तो उसे मंदी माना जाता है। फिलहाल अमेरिका समेत कई देशों के आर्थिक संकेतक कमजोर हो रहे हैं।