काम की खबर… झगड़े या रोड रेज में कार डैमेज हुई तो Insurance Cover मिलेगा या नहीं, जानें नियम
Insurance Cover : अगर आपकी कार रोड रेज में डैमेज हो गई है, तो कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी होने पर क्लेम मिल सकता है, बशर्ते आपने झगड़ा शुरू नहीं किया हो। FIR, CCTV फुटेज और फोटो जरूरी होते हैं। थर्ड पार्टी बीमा वाले को कोई क्लेम नहीं मिलेगा।

Insurance Cover : उज्जवल प्रदेश डेस्क. ट्रैफिक बढ़ने से सड़कों पर रोड रेज की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिनमें कई बार गाड़ियों को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बीमा कंपनियां ऐसे मामलों में क्लेम देती हैं? इस खबर में जानें इंश्योरेंस नियम और जरूरी प्रक्रिया।
रोड रेज में टूटी कार: क्या इंश्योरेंस देगा साथ
बढ़ते ट्रैफिक और घटते धैर्य के चलते भारत में रोड रेज यानी सड़क पर झगड़े की घटनाएं आम हो गई हैं। अक्सर छोटी-छोटी बातों पर गाड़ी चलाते वक्त लोग बहस करने लगते हैं, जो कभी-कभी हिंसक रूप ले लेती है। कई बार इसमें कारों को जानबूझकर नुकसान पहुंचाया जाता है।
ऐसे मामलों में गाड़ी का मालिक परेशान हो जाता है कि क्या बीमा कंपनी उससे हुए नुकसान की भरपाई करेगी या नहीं। आइए जानते हैं इस स्थिति में इंश्योरेंस कंपनियों के नियम क्या कहते हैं।
मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी क्या कहती है
अगर आपके पास कॉम्प्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी है, तो कुछ शर्तों के आधार पर बीमा कंपनी आपको नुकसान की भरपाई कर सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि घटना कैसे घटी, कौन दोषी था और पुलिस रिपोर्ट में क्या लिखा गया है।
अगर आपकी कार को किसी दूसरे व्यक्ति ने जानबूझकर नुकसान पहुंचाया और आपने खुद झगड़ा नहीं किया, तो आपको क्लेम मिलने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन अगर यह साबित हो गया कि आप झगड़े में शामिल थे या आपने खुद कार डैमेज की स्थिति बनाई, तो बीमा कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर सकती है।
थर्ड पार्टी बीमा वालों को क्लेम क्यों नहीं
अगर आपके पास केवल थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस है, तो इस स्थिति में आपको कोई क्लेम नहीं मिलेगा। थर्ड पार्टी पॉलिसी सिर्फ दूसरे व्यक्ति या वाहन को हुए नुकसान को कवर करती है, न कि आपकी खुद की गाड़ी को। ऐसे में कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस ही एकमात्र विकल्प होता है जो गाड़ी मालिक को नुकसान की भरपाई करवा सकता है।
किन शर्तों पर मिलेगा क्लेम
बीमा कंपनी की ओर से क्लेम देने के लिए कुछ शर्तें होती हैं:
- FIR दर्ज होनी चाहिए
- CCTV फुटेज या वीडियो सबूत
- डैमेज की तस्वीरें
- चश्मदीदों के बयान
ये सभी चीजें बीमा कंपनी को यह साबित करने में मदद करती हैं कि गाड़ी मालिक निर्दोष है और नुकसान जानबूझकर नहीं हुआ।
जानबूझकर नुकसान पर क्या होता है
बीमा कंपनियों की पॉलिसी में यह साफ तौर पर लिखा होता है कि इरादतन या जानबूझकर पहुंचाए गए नुकसान को कवर नहीं किया जाएगा। अगर जांच में यह सामने आता है कि आपने खुद झगड़ा शुरू किया या गाड़ी डैमेज करने में भागीदारी की, तो क्लेम सीधे तौर पर खारिज किया जा सकता है।
वाहन मालिक क्या करें
अगर आप रोड रेज का शिकार हो गए हैं और आपकी कार को नुकसान हुआ है, तो नीचे दिए गए कदम जरूर उठाएं:
- तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं
- घटना का वीडियो या फोटो लें
- गाड़ी के डैमेज की स्पष्ट तस्वीरें खींचें
- किसी गवाह से बयान लें या नाम दर्ज करें
- बीमा कंपनी या एजेंट को तुरंत सूचना दें
- क्लेम के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करें
बीमा कंपनियां अक्सर समय पर सूचना देने पर ज्यादा सहयोग करती हैं। इसलिए किसी भी देरी से बचें।
बीमा कंपनी कैसे करती है जांच
बीमा कंपनियां क्लेम के लिए पूरी जांच करती हैं। वे पुलिस रिपोर्ट, CCTV फुटेज, चश्मदीदों के बयान और गाड़ी के निरीक्षण के आधार पर निर्णय लेती हैं। कुछ मामलों में बीमा सर्वेयर भी घटनास्थल पर भेजा जाता है।
अगर उन्हें लगता है कि मामला संदिग्ध है या जानबूझकर घटना को अंजाम दिया गया, तो क्लेम रिजेक्ट किया जा सकता है।
क्या बीमा में एक्सेप्शन की गुंजाइश होती है
कभी-कभी बीमा कंपनियां एक्सेप्शन के तहत क्लेम पास कर देती हैं, लेकिन यह तभी होता है जब पूरी जांच में यह साबित हो जाए कि गाड़ी मालिक बिल्कुल निर्दोष था और नुकसान बिना किसी उकसावे के हुआ।