Vande Bharat Sleeper Train जल्द ही यात्रियों को प्रदान करेंगी विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव

Vande Bharat Sleeper Train: छोटी और मध्यम दूरी की चेयर कार ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों को तेज़, सुरक्षित और विश्व-स्तरीय यात्रा का अनुभव देने के बाद, भारतीय रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए भी इसे साकार कर रहा है।

Vande Bharat Sleeper Train: उज्जवल प्रदेश, नई दिल्ली. नए साल में रेलवे देश में यात्रियों के लिए तेज़ और सुरक्षित रेल यात्रा लाने के लिए तैयार है। छोटी और मध्यम दूरी की चेयर कार ट्रेनों में यात्रा करने वाले लोगों को तेज़, सुरक्षित और विश्व-स्तरीय यात्रा का अनुभव देने के बाद, भारतीय रेलवे (Indian Railway) लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए भी इसे साकार कर रहा है।

Vande Bharat Sleeper Train की अधिकतम गति 180 किमी प्रति घंटा

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper Train) ने पिछले तीन दिनों में अपने कई परीक्षणों में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की है। जनवरी के अंत तक यह परीक्षण जारी रहेंगे। उसके बाद देश भर के रेल यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के लिए यह विश्व-स्तरीय यात्रा उपलब्ध कराई जाएगी।

वीडियो में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper Train) के अंदर एक मोबाइल के बगल में पानी से भरा गिलास दिखाया गया है। वीडियो में पानी का स्तर स्थिर देखा जा सकता है। चलती ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम और स्थिर गति प्राप्त करती है। हाई-स्पीड रेल यात्रा में वंदे भारत यात्रियों को आराम का अनुभव कराती है। यह पोस्ट 3 दिनों के सफल परीक्षणों के बाद आया है, जो 2 जनवरी को समाप्त हुआ, जिसमें वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने अपनी भरी हुई स्थिति में अधिकतम गति प्राप्त की।

राजस्थान में हुआ 30KM का ट्रायल रन

गुरुवार को राजस्थान के बूंदी जिले में कोटा और लबान के बीच 30 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन के दौरान ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की। वर्ष 2025 के पहले दिन रोहल खुर्द से कोटा के बीच 40 किलोमीटर लंबे ट्रायल रन में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper Train) ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की। इसी दिन कोटा-नागदा और रोहल खुर्द-चौमहला सेक्शन पर 170 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति प्राप्त की।

Also Read: Bageshwar Dham: ‘चंगेज़ खान जैसे धुर्तों ने सनातन संस्कृति की धरोहर को तोड़कर बनाईं मस्जिदें’

अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (IDSO) लखनऊ की निगरानी में ये ट्रायल जनवरी महीने तक जारी रहेंगे। एक बार ये परीक्षण पूरे हो जाने के बाद, रेलवे सुरक्षा आयुक्त द्वारा अधिकतम गति पर ट्रेन का मूल्यांकन किया जाएगा। अंतिम चरण में सफल होने के बाद ही, वंदे भारत ट्रेनों को आधिकारिक रूप से प्रमाणित किया जाएगा और उन्हें भारतीय रेलवे को शामिल करने और नियमित सेवा के लिए सौंप दिया जाएगा।

गति और सुखद यात्रा के साथ लंबी दूरी की रेल यात्रा में बदलाव

इन वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों (Vande Bharat Sleeper Train) को स्वचालित दरवाजे, बेहद आरामदायक बर्थ, ऑन बोर्ड वाई-फाई और विमान जैसी डिज़ाइन जैसी सुविधाओं के साथ डिज़ाइन किया गया है। देश में यात्री पहले से ही मध्यम और छोटी दूरी पर चलने वाली 136 वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से शयन सीटों और विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव का आनंद ले रहे हैं।

Also Read: Beauty Tips: चमकती त्वचा के लिए फिटकरी उपयोग करने के 5 तरीके

रेलवे के लिए असली चुनौती बर्थ जोड़ना और ट्रेनों को पूर्ण यात्री और सामान लोड की स्थिति के लिए परीक्षण करना था ताकि उन्हें 180 किमी/घंटा की अधिकतम गति प्राप्त करते हुए वंदे भारत स्लीपर कोच में परिवर्तित किया जा सके। इन सफल परीक्षणों के साथ, रेल यात्री कश्मीर से कन्याकुमारी, दिल्ली से मुंबई, हावड़ा से चेन्नई और कई अन्य मार्गों जैसे लंबी दूरी की यात्राओं में विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव की उम्मीद कर सकते हैं। उन्हें यात्रा का समय काफी कम होने से लाभ होगा। मुंबई-दिल्ली लंबी दूरी की यात्रा की वर्तमान औसत गति 90 किमी/घंटा है, जिसमें तेजस राजधानी एक्सप्रेस के लिए अधिकतम स्वीकार्य गति 140 किमी/घंटा है, जो देश में सभी राजधानी ट्रेन सेवाओं में सबसे तेज है।

वंदे भारत शताब्दी ट्रेन मार्ग पर भी

वंदे भारत ट्रेनें अब कई शताब्दी ट्रेन मार्गों पर उपलब्ध हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express)  भारत की सबसे तेज़ ट्रेन है और 180 किमी/घंटा तक की गति तक पहुंचने में सक्षम है। अब तक, यह दिल्ली और वाराणसी जैसे छोटे और मध्यम दूरी के प्रमुख शहरों को जोड़ती है और एक शानदार यात्रा अनुभव प्रदान करती है। वंदे भारत ट्रेनें गति और आराम का एक सहज मिश्रण प्रदान करती हैं। यह केवल यात्रा का एक तरीका नहीं है बल्कि आधुनिक भारतीय इंजीनियरिंग का एक अनुभव है।

7th Pay Commission: कर्मचारियों को मिला नए साल का तोहफा, 57%, DA बढ़कर हो जाएगी इतनी सैलरी !

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

Related Articles

Back to top button