Vastu Tips: काली व लाल मिट्टी वाली जमीन खरीदें, यह होती है शुभ

Vastu Tips: जब भी मकान, दुकान बनाना हो तो इससे पहले जमीन का चयन जरूर करें। इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि निर्माण कार्य वास्तु के अनुसार ही हो । वरना शुरू से ही कई परेशानियां सामने आ सकती हैं।

Vastu Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. जब भी मकान, दुकान बनाना हो तो इससे पहले जमीन का चयन जरूर करें। इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि निर्माण कार्य वास्तु के अनुसार ही हो । वरना शुरू से ही कई परेशानियां सामने आ सकती हैं। वास्तु की मानें तो दुकान या प्लॉट खरीदने से पहले उसके चारों तरफ की बनावट, वातावरण और मूलभूत ढांचे को देखें और परखें। भवन के निर्माण से पहले उचित भूखंड का चयन कर उसकी जांच करें। ऐसा करने से भवन निर्माण के बाद वहां निवास करने वाले सदस्य अनेक प्रकार की परेशानियों से बच सकते हैं। जिस जगह वास्तु कार्य होना है।

मिट्टी से होती है पहचान

जिस जमीन को आप खरीदना चाहते हो उसकी ऊपरी मिट्टी की परत को हटाकर थोड़ी नीचे की मिट्टी को हाथ में लेकर देखने से इसका रंग आसानी से पता चलता है और सूंघकर इसकी गंध व चखकर इसका स्वाद ले सकते हैं। यदि सफेद रंग की मिट्टी सुगंध और मिठास लिए हुए है तो इसे ब्राह्मणी मिट्टी कहते हैं। आध्यात्म की दृष्टि से यह जमीन सुख प्रदान करने वाली होती है। इस तरह की मिट्टी वाले भूखंड पर निर्मित भवन बुद्धिजीवियों, धार्मिक व्यक्तियों के लिए अनुकूल होते हैं।

लाल रंग की मिट्टी, पराक्रम बढ़ाती है

जमीन खरीदते समय अगर आपको क्षत्रिया मिट्टी लाल रंग, तीखी गंध और तीखे कसैले स्वाद वाली होती है। वर्चस्व और पराक्रम को बढ़ाने वाली ऐसी मिट्टी के भूखंड प्रशासकों और सरकारी अफसरों के लिए बेहतर होती है। हल्के पीले रंग की हल्की गंध और खटास वाली मिट्टी वैश्य मिट्टी कहलाती है। यह जमीन व्यापारी वर्ग के लिए बेहतर होती है। इस तरह के जगह पर आवास बनाना लाभकारी माना गया है और जातक धन-धान्य से पूर्ण करती है।

काली मिट्टी होती है बेहतर, इसमें है सभी गुण

वास्तु के अनुसार अगर तीखी हल्की गंध और कड़वे स्वाद वाली काली मिट्टी है तो वह शुद्ध मिट्टी है। इस प्रकार की मिट्टी वाले भूखंड पर निर्माण करना सभी के लिए उपयुक्त है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

गृह स्वामी की कुहनी से मध्यमा अंगुली तक की लम्बाई नापकर उसी नाप का गहरा ,लम्बा व चौड़ा गड्ढा कर लें एवं निकली हुई मिट्टी से गड्ढे को पुनः भर दें । यदि मिट्टी कम पड़े तो हानि ,बराबर रहे तो न हानि न लाभ तथा मिट्टी शेष बच जाए तो ऐसी भूमि को सुख-सौभाग्य प्रदान करने वाली समझना चाहिए।

नोट: हम इन सभी बातों की पुष्टि नहीं करते। अमल करने से पहले संबंधित विषय विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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