Vastu Tips: दीवारें यदि सही सलामत न हों, तो घर में वास्तुदोष उत्पन्न हो जाता है

Vastu Tips : भवन नया हो या पुराना। अगर उन दीवारों में बेवजह कुछ लिखा है या उनका पल्स्तर निकला है तो उससे वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है जिससे हमें कई प्रकार के नुकसान उठाने पड़ते हैं।

Vastu Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. भवन नया हो या पुराना। अगर उन दीवारों में बेवजह कुछ लिखा है या उनका पल्स्तर निकला है तो उससे वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है जिससे हमें कई प्रकार के नुकसान उठाने पड़ते हैं। बता दें कि वास्तु दोष का असर आपके मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर पड़ता है। घर की दीवारें यदि सही सलामत न हों, तो घर में वास्तुदोष उत्पन्न हो जाता है, जिससे परिवार के सदस्यों को सेहत एवं आर्थिक संबंधी समस्याओं से झूझना पड़ सकता है।

नकारात्मक ऊर्जा बाहर ही रह जाएगी

वास्तु की मानें तो पश्चिम और दक्षिण दिशाओं की दीवारों की ऊंचाई उत्तर और पूर्व दिशाओं की दीवारों की तुलना में 30 सेमी।अधिक होनी चाहिए। इसके साथ ही पश्चिम और दक्षिण की दिशाओं की दीवारें उत्तर और पूर्व दिशाओं की चारदीवारों से ज्यादा मोटी भी होनी चाहिए इससे सकारात्मक ऊर्जा चारदीवारी के भीतर के भूभाग में सुरक्षित रहेगी व दक्षिण-पश्चिम से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा बाहर ही रह जाएगी।

दीवारों में झरोके रखें

वास्तु के अनुसार उत्तर-पूर्व कोण के भाग में यदि ईटों की चारदीवारी खड़ी करनी हो तो शुभ फलों में वृद्धि के लिए यहाँ की दीवारों में झरोके रखें। यदि ईंट की चारदीवारी के उत्तरी या पूर्वी भाग की एकदम सीध में कोई वीथि शूल है तो ऐसी स्थिति में वहां दीवार में जाली-झरोका बिल्कुल नहीं बनवाना चाहिए। यदि जमीन प्राकृतिक तौर पर दक्षिण से उत्तर और पश्चिम से पूर्व की ओर ढलवां है तो ऐसे भूखंड के उत्तर-पूर्व कोण की चारदीवारी में भी झरोका बनवाने की जरुरत नहीं है।

रंगों का प्रयोग शुभ परिणामों में वृद्धि करेगा

वास्तु दोष जब परेशान करता है तो भवन में दीवारों में कहीं भी दरार न हो और न ही रंग-रोगन उखड़ा हुआ हो।यदि ऐसा है,तो वहां रहने वाले घर के सदस्यों के जोड़ों में दर्द, गठियाँ, साइटिका, कमर दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। भवन के अंदर की दीवारों पर रंग और पेंट भी सोच-समझ कर कराना चाहिए।

गहरा नीला या काला रंग वायु रोग,हाथ पैरों में दर्द,नारंगी या गहरा पीला रंग ब्लड प्रेशर,गहरा चटक लाल रंग रक्त विकार एवं दुर्घटना तथा गहरा हरा रंग सांस,अस्थमा एवं मानसिक रोगों का कारण बन सकता है। बेहतर स्वास्थ्य एवं घर में सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए दिशानुसार नम्र,हल्के व सात्विक रंगों का प्रयोग शुभ परिणामों में वृद्धि करेगा।

दाग-धब्बे लगाना दरिद्रता के सूचक हैं

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि समय-समय पर दीवारों को साफ़ करवायें सरना धूल और मिट्टी भरी हुई गंदी दीवारें नकारात्मक ऊर्जा देती हैं। इसके साथ ही ध्यान रहे कोनों में मकड़ी के जाले नहीं लगें,ये तनावपूर्ण और निराशाजनक माहौल को जन्म देते हैं । दीवारों पर पीक थूकना या किसी भी तरह से दाग-धब्बे लगाना दरिद्रता के सूचक हैं,ऐसा बिलकुल न करें।

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन… More »

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