Vastu Tips: पौधों का बगीचा बनाना है तो रखें इन चीजों का ध्यान
Vastu Tips: अगर आप बगीचा बनाने की योजना बनाने जा रहे हैं तो इस बात का भी ध्यान दें कि वह वास्तु के अनुरूप हो। वरना कई समस्याएं आपके आड़े आ सकती हैं।

Vastu Tips: उज्जवल प्रदेश डेस्क. अगर आप बगीचा बनाने की योजना बनाने जा रहे हैं तो इस बात का भी ध्यान दें कि वह वास्तु के अनुरूप हो। वरना कई समस्याएं आपके आड़े आ सकती हैं। बता दें कि वास्तु शास्त्र में पौधों के लिए वास्तु के अनुसार अपने बगीचे की योजना बनाना और उसे डिज़ाइन करना आपके मूड को काफी हद तक बदल सकता है, इसके साथ ही स्वास्थ्य और समृद्धि भी सुनिश्चित कर सकता है। बता दें कि लोग बगीचों की रूप रेखा तैयार कर उसे बनाते हैं। वहीं वास्तु शास्त्र, वास्तुकला की पारंपरिक हिंदू प्रणाली, ऐसी प्राकृतिक सुंदरता और इसके ऊर्जावान गुणों का दोहन करने में मदद कर सकती है।
बगीचे की दीवार के साथ एक पेड़ लगाएं
वास्तु की मानें तो बगीचे का हर भाग पंच महाबूटे के पांच तत्वों में से एक है । घर का दक्षिण तथा पश्चिम भाग जमीन का प्रतिनिधित्व करता है तो वहीं उत्तर-पूर्व जल का प्रतिनिधित्व करता है। उधर, दक्षिण-पूर्व अग्नि का प्रतिनिधित्व करता है, और उत्तर-पश्चिम वायु का प्रतिनिधित्व करता है। केंद्र स्थान का प्रतिनिधित्व करता है। दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम में एक बगीचा तनाव का सबसे बड़ा कारण बनता है।
पेड़ों की छाया सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच इमारत पर न पड़े
वास्तु की मानें तो मुख्य घर और पेड़ों के बीच पर्याप्त दूरी बनाकर रखें तो वहीं पेड़ों की छाया सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच घर पर नहीं पड़नी चाहिए। घर में पीपल जैसे बड़े पेड़ों को बहुत करीब नहीं लगाना चाहिए क्योंकि उनकी जड़ें संरचना की नींव को नुकसान पहुँचा सकती हैं। इसके साथ ही कीड़े, मकोड़े, मधुमक्खियाँ या साँपों को आकर्षित करने वाले पेड़ों को बगीचे में नहीं लगाना चाहिए क्योंकि वे आपके जीवन में दुर्भाग्य लाते हैं।
कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए
वास्तु के अनुसार बगीचे में कांटेदार पौधे नहीं लगाने चाहिए। खासकर कैक्टस का पौधा तो बिल्कुल भी नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यह कांटेदार पौधे नकारात्मक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके साथ ही फूलों के गमलों को कंपाउंड की दीवार पर नहीं रखना चाहिए। इसकी बजाय उन्हें उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में जमीन पर रखें।
स्वीमिंग पूल का मुख उत्तर या पूर्व दिशा में हो
बगीचे में पूर्व या उत्तर दिशा में एक छोटा झरना बनाया जा सकता है। बगीचे के उत्तर-पूर्व कोने को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए क्योंकि गलत दिशा में झरना मानसिक शांति पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। अगर बगीचे में एक छोटा स्विमिंग पूल है, तो उसका मुख उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। कमल के फूलों वाला एक छोटा तालाब सौभाग्य लाएगा। बड़े बगीचों में बेंच उपयोगी होती हैं और उन्हें उत्तर या पूर्व दिशा में रखा जा सकता है ।
नोट: हम इन सभी बातों की पुष्टि नहींं करते। अमल करने से पहले संबंधित विषय विशेषज्ञ से संपर्क करें।