Vastu Tips: घर बनवाते समय रखें वास्तु का ध्यान, खुल जाएगी आपकी किस्मत
Vastu Tips: घर बनाते समय दरवाजे और खिड़कियों की दिशा क्या होनी चाहिए अगर इसका चुनाव वास्तु के अनुसार कर लिया जाए तो आने वाली कई परेशानियों से बचा जा सकता है। वास्तु में खासकर मुख्य दरवाजे का विशेष महत्व बताया गया है।

Vastu Tips: घर बनाते समय दरवाजे और खिड़कियों की दिशा क्या होनी चाहिए अगर इसका चुनाव वास्तु के अनुसार कर लिया जाए तो आने वाली कई परेशानियों से बचा जा सकता है। वास्तु में खासकर मुख्य दरवाजे का विशेष महत्व बताया गया है।
जीवन में सफल होने के लिए किस्मत और मेहनत दोना जरूरी
आज के समय में हर आदमी सफल होना चाहता है। इसके लिए वह सभी प्रकार के जतन भी करता है , लेकिन जरा सी असावधानी से वह उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता जिसका वह अधिकारी है। हालांकि, जीवन में सफल होने के लिए किस्मत और मेहनत दोनों की जरूरत होती है। इन सबके साथ अगर हम वास्तु का विशेष ख्याल रखें तो चीजें आसान हो जाती हैं। कई बार ऐसा देखा जाता है कि घर का निर्माण वास्तु के हिसाब से किया जाता है, लेकिन मुख्य द्वार पर वास्तु का ध्यान नहीं रखा जाता है, जिससे घर की तरक्की रुक जाती है।
मुख्य दरवाजा सिर्फ पूर्व व उत्तर दिशा में होना चाहिए
वास्तु के अनुसार एक आदर्श मकान का मुख्य द्वार सिर्फ पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए। वहीं आपके घर का ढलान पूर्व, उत्तर या पूर्व-उत्तर (इशान कोण) की और होना शुभ माना जाता है। इसी तरह वास्तु के अनुसार घर के कमरे, हॉल, किचिन, बाथरुम और बेडरुम एक खास दिशा में होने चाहिए। जिससे घर में किसी भी प्रकार का वास्तुदोष नहीं होता और लोग सुखी रहते हैं।
सिद्धांतों के अनुरूप सबसे सही दिशा चुन सकें
वास्तु के अनुसार, अगर अपने घर की सही दिशा चुनना सकारात्मक ऊर्जा और सामंजस्य को आकर्षित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हर दिशा के अपने खास फायदा और प्रभाव होते हैं, जो शरीर के सेहत, धन और रिश्तों जैसे पहलुओं पर अच्छा खासा असर डालते हैं।
सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है
वास्तु की दिशाएं सिर्फ कंपास पर सिर्फ एक बिंदु मात्र नहीं होती है, बल्कि ये ऊर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। घर की मुख्य दिशा में इसका अहम महत्व है, क्योंकि यहीं से सकारात्मक या नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है । वास्तु शास्त्र के अनुसार, सुख और समिद्ध के लिए पंच तत्वों को संतुलित करना बहुत जरूरी है। दिशाओं का वास्तु शास्त्र में विशेष बताया गया है। हर दिशा का एक देवता और तत्व से संबंध होता है और उसकी सही स्थिति सकारात्मक प्रभाव ला सकती है, जबकि असंतुलन से समस्याएं हो सकती हैं।
दक्षिण-पश्चिम दिशा को अशुभ दिशा माना जाता है
वास्तु के अनुसार, घर का मुख्य गेट पूर्वोत्तर दिशा में होना सबसे अच्छा बताया गया है। यह दिशा धन के देवता से जुड़ी होती है और इसी तरह, दक्षिण-पश्चिम दिशा को अशुभ दिशा माना जाता है। यह दिशा धन का प्रतीक तो है, लेकिन दुर्भाग्य का भी संकेत देती है।
परिवार में झगड़े बढ़ने की आशंका भी रहती है
वास्तु नियमों के मुताबिक, घर की किसी भी दिशा की तुलना में दक्षिण-पूर्व दिशा अशुभ मानी जाती है। इस दिशा का असर घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर सबसे ज्यादा पड़ता है और घर में रहने वाले लोगों में गुस्सा ज्यादा आता है और शरीर में बीमारियों का प्रकोप भी धीरे धीरे बढ़ने की आशंका रहती है।
सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश
उत्तर की दिशा में स्थित घर का प्रवेश द्वार इसके रहने वाले लोगों के लिए शुभ माना जाता है क्योंकि यह धन के देवता कुबेर द्वारा शासित होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा का प्रवेश द्वार सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हाता है। धन, किस्मत और समृद्धि लेकर आता है। इसी तरह उत्तर-पूर्व दिशा की ओर स्थित घर को भी वास्तु के अनुसार शुभ माना जाता है, खासकर ऐसे लोगों के लिए जो वित्तीय क्षेत्र में काम करते हैं।
शाम की धूप आने के साथ धन भी दस्तक देता है
पश्चिम दिशा के मेन गेट पर शाम की धूप आने के साथ धन भी दस्तक देता है। यदि घर के पश्चिम हिस्से में प्रवेश द्वार बनाना जरूरी हो, तो इसे उत्तर-पश्चिम दिशा में ही रखें। वास्तु के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा से जुड़े दोष को पीतल से बने पिरामिड और हेलिक्स का उपयोग करके कम किया जा सकता है। उत्तर-पश्चिम दिशा में घर का मेन गेट होना शुभ माना जाता है। इस दिशा में स्थित प्रवेश द्वार धन, स्वास्थ्य और समृद्धि को घर में ला सकता है। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में बने घर में परिवार का मुख्य पुरुष सदस्य घर से अधिकांश समय दूर बिताता है।
नोट: वास्तु शास्त्र से जुड़ी हुई बातों का उज्जवल प्रदेश डॉट कॉम पुष्टि नहीं करता है कृप्या कर अधिक जानकारी के लिए आप वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ से संपर्क करें।