विद्या शाह का भूमा बना रंगमंच से जुड़े कलाकारों के लिए एक सहारा

नई दिल्ली
दो साल के कोरोना संक्रमण संकट के बाद अब आडिटोरियम के ताले खुलने लगे हैं। मंच की चमक लौटी है तो कुर्सियों की धूल भी हटने लगी है। हां, अब भले गाड़ी पटरी पर लौट रही है लेकिन संकट के उस काल में कलाकारों ने संघर्ष किया है। उस मुश्किल घड़ी में विद्या शाह ने 'भूमा' की नींव रखी। यह संस्था, युवा कलाकारों की मदद के लिए आगे आई।

सदियों से चली आ रही गुरु-शिष्य परंपरा
विद्या शाह बताती हैं कि कलाकारों के लिए वह दौर सबसे मुश्किल था। कार्यक्रम बंद हो चुके थे। आनलाइन आयोजन हो रहे थे। भारतीय परिवेश में जहां गुरु-शिष्य परंपरा चली आ रही हो वहां आनलाइन की शिक्षा नहीं दी जाती? सोचा क्यों नहीं, कलाकारों को आनलाइन के सही उपयोग के बारे में बताया जाए।

संकट में मदद के लिए आगे आई संस्कृति मंत्रालय की संस्था सीसीआरटी
बस फिर क्या था, शुरू में हमारे सर्किल में जो जानने वाले कलाकार थे, उनको आनलाइन प्लेटफार्म के बारे में बताया। तकनीकी जानकार भी हमसे जुड़े। संस्कृति मंत्रालय की संस्था सीसीआरटी भी मदद को आगे आई। इनके साथ मिलकर देशभर में आनलाइन जागरूकता के लिए वर्कशाप आयोजित किए गए। असम, भोपाल, इंदौर, अगरतला समेत अन्य शहरों के कलाकार जुड़े।

लोकगीत कलाकारों पर आधारित वीडियो फिल्म भी बनाई
यह सफर यहीं खत्म नहीं हुआ। भूमा के जरिए विद्या शाह ने सीमित होती शैलियों का भी संरक्षण किया। लोकगीत कलाकारों पर आधारित वीडियो फिल्म भी बनाई गई। इस कड़ी में भल्लूराम मेघवाल पर वीडियो बनाई गई। मेघवाल, राजस्थान के बाड़मेर में रहते हैं। कबीर और मीरा की रचनाएं गाते हैं। वीडियो के जरिए केवल उनकी प्रस्तुति को ही नहीं संरक्षित किया गया बल्कि उनके दैनिक जीवनचर्या को भी दिखाने की कोशिश की गई।

देशभक्ति के रंग को और चटख करेगी प्रस्तुति
श्रीराम सेंटर में अगले हफ्ते बृहस्पतिवार को  आयोजन भले सप्ताह के व्यस्त दिन पर है लेकिन जाएंगे तो निश्चित ही कलाकारों की दुनिया से अनुभव ही अर्जित करके आएंगे।

आयोजन : अमृत स्तंभ
आयोजन स्थल : श्रीराम सेंटर, ४ सफदर हाशमी मार्ग, मंडी हाउस।
समय : चार अगस्त, शाम सात बजे।
प्रवेश : निश्शुल्क

Deepak Vishwakarma

दीपक विश्वकर्मा एक अनुभवी समाचार संपादक और लेखक हैं, जिनके पास 13 वर्षों का गहरा अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं में कार्य किया है, जिसमें समाचार लेखन, संपादन और कंटेंट निर्माण प्रमुख हैं। दीपक ने कई प्रमुख मीडिया संस्थानों में काम करते हुए संपादकीय टीमों का नेतृत्व किया और सटीक, निष्पक्ष, और प्रभावशाली खबरें तैयार कीं। वे अपनी लेखनी में समाजिक मुद्दों, राजनीति, और संस्कृति पर गहरी समझ और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। दीपक का उद्देश्य हमेशा गुणवत्तापूर्ण और प्रामाणिक सामग्री का निर्माण करना रहा है, जिससे लोग सच्ची और सूचनात्मक खबरें प्राप्त कर सकें। वह हमेशा मीडिया की बदलती दुनिया में नई तकनीकों और ट्रेंड्स के साथ अपने काम को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत रहते हैं।

Related Articles

Back to top button