पीटी उषा का 'उड़न परी' से राज्यसभा तक का सफर 

पीटी उषा का 'उड़न परी' से राज्यसभा तक का सफर 

राज्यसभा के लिए मनोनित किया गया भारतीय धाविका पीटी ऊषा को है। 

पीएम मोदी ने ट्विट में लिखा- पीटी ऊषा जी हर भारतीय के लिए एक प्रेरणा हैं। 

पीटी ऊषा का पूरा नाम पिलावुल्लाकांडी ठेकेरापरम्बिल ऊषा है। पीटी ऊषा को भारतीय ट्रैक और फील्ड की रानी कहा जाता है। 

पीटी ऊषा को पय्योली एक्स्प्रेस के नाम से भी जाना जाता है। 1982 के नई दिल्ली एशियाड में उन्हें 100मी व 200मी में रजत पदक मिला। 

कुवैत में एशियाई ट्रैक और फील्ड प्रतियोगिता में 400 मीटर दौड़ में एशियाई कीर्तिमान के साथ उन्होंने स्वर्ण जीता। 

ऊषा इसके बाद नहीं रुकीं उन्होंने 1983-89 के बीच में एटीएफ खेलों में 13 स्वर्ण जीते। 

1984 के लॉस एंजिलिस ओलम्पिक की 400 मीटर बाधा दौड़ के सैमीफाइनल में वह पहले नंबर पर थीं लेकिन फाइनल मुकाबले में वह मैडल नहीं जीत पाईं। 

1986 में सियोल में हुए दसवें एशियाई खेलों में दौड़ कूद में ऊषा ने 4 स्वर्ण व 1 रजत पदक जीते। 

1985 में जकार्ता में हुई एशियाई दौड-कूद प्रतियोगिता में उन्होंने 5 स्वर्ण पदक जीते। 

ऊषा ने अब तक 101 अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते हैं। वे दक्षिण रेलवे में अधिकारी पद पर कार्यरत हैं। 

1985 में उन्हें पद्म श्री व अर्जुन पुरस्कार दिया गया। 4&400 रिले में कांस्य भी जीता। किसी भी महिला द्वारा किसी एक ही दौड़ प्रतियोगिता में सबसे अधिक पदक जीतने का यह कीर्तिमान है।

अर्जुन पुरस्कार विजेता, 1984 जकार्ता एशियाई दौड़ प्रतियोगिता की महानतम महिला धाविका, 1985 में। पद्म श्री 1984 में। एशिया की सर्वश्रेष्ठ धाविका 1984, 1985, 1986, 1987 व 1989 में। सर्वश्रेष्ठ रेलवे खिलाड़ी के लिए मार्शल टीटो पुरस्कार, 1984, 1985, 1989, व 1990 में। 1986 सियोल एशियाई खेल में सर्वश्रेष्ठ धाविका होने पर अदिदास स्वर्णिम पादुका ईनाम पाया दौड़ में श्रेष्ठता के लिए 30 अंतर्राष्ट्रीय इनाम। केरल खेल पत्रकार इनाम, 1999। सर्वश्रेष्ठ धाविका के लिए विश्व ट्रॉफी, 1985, 1986

पुरस्कार व सम्मान