जानिए Cheetah Project क्या है ?

पीएम मोदी चीता प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे। इसे पीएम मोदी के लिए 'बर्थडे गिफ्ट' की तरह भी देखा जा रहा है।

नामीबिया से आठ चीते (चार मादा, चार नर) भारत आ रहे हैं।

 इस योजना पर लगभग 224 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 

 चीता प्रोजेक्ट के लिए इंडियन ऑयल ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को 50.22 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है। 

1952 में चीता को देश में विलुप्त घोषित किया गया था। इन चीतों को नामीबिया से लाने की राह लखनऊ में हुए एक शोध ने आसान की है।

भारतीय चीतों और अफ्रीकन चीतों की जेनेटिक संरचना में काफी समानताएं मिली थीं।नामीबिया को चीतों की राजधानी कहा जाता है।

साल 1948 के बाद चीते पूरी तरह विलुप्त हो गए। साल 1947 में आखिर तक तीन चीते थे। शिकार कर उन्हें भी मार दिया गया।

 कूनो पालपुर नेशनल पार्क 748 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह छह हजार 800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले खुले वन क्षेत्र का हिस्सा है। 

 दुनिया में इस वक्त लगभग 7,100 चीते हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद उनकी संख्या में गिरावट आई है।

भारत सरकार सत्तर के दशक से चीतों को लाने के लिए प्रयासरत रही है। 1970 में एशियन चीतों को ईरान से लाने का प्रयास किया गया।