शुभ महूर्त और तिथि जानिए 

रक्षाबंधन  की तारीख और राखी बांधने के समय को लेकर पेंच फंस गया है. 

हर साल किसी न किसी त्योहार के दिन या पूजा मुहूर्त को लेकर ऐसा पेंच फंसता है.

आम आदमी के लिए समस्या यह हो जाती है कि वह किस दिन रक्षाबंधन मनाए?

हिंदू धर्म के सभी व्रत और त्योहार तिथि के साथ पूजा का मुहूर्त, चंद्रमा की उपस्थिति, प्रदोष काल आदि भी देखना होता है.

रक्षाबंधन सावन पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 09 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और अगले दिन 12 अगस्त को सुबह  05 बजकर  58 मिनट  पर समाप्त  हो रही है. 

12 अगस्त को सूर्योदय के समय भादप्रद माह की प्रतिपदा तिथि लग रही है, इसलिए 12 अगस्त को श्रावस पूर्णिमा तिथि प्राप्त नहीं हो रही है. 

ऐसे में 11 अगस्त को ही श्रावण पूर्णिमा तिथि मानी जाएगी और इस दिन ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाना उत्तम है.

हर शहर या स्थान के सूर्योदय काल में अंतर होता है. जब भी आपको व्रत और त्योहार के लिए तिथि देखनी हो तो काशी या उज्जैन के पंचांग को देखें.

11 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 09 बजकर 34 मिनट से प्रारंभ होकर शाम 04 बजकर 26 मिनट तक है. 

भूमि की भद्रा है, जो ग्राह्य नहीं है. ऐसे में आप दिन में राखी नहीं बांध सकते हैं. आपको भद्रा के बाद ही राखी बांधनी चाहिए.

11 अगस्त को शाम 04:26 बजे से भद्रा समाप्त हो रही है, ऐसे में आप शाम 04:26  से अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 05:58 तक बहनें भाइयों  को राखी  बांध सकती  हैं.