MIG-21: वायुसेना का 'उड़ता ताबूत', 62 साल में 200 हादसे

भारतीय वायु सेना का लड़ाकू विमान मिग-21 क्रैश हो गया.  हादसे की वजहों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश भी दे दिया गया है. 

 62 साल में  इन विमान से अब तक करीब 200 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं.

मिग-21 भारतीय वायुसेना के बेड़े का सबसे पुराना लड़ाकू विमान है. इन विमानों को इंडियन एयरफोर्स की बैकबोन मानी जाती थी.

1964 से मिग-21 विमान का इस्तेमाल कर रही भारतीय वायुसेना में इसके क्रैश रिकॉर्ड को देखते हुए इसे फ्लाइंग कॉफिन यानि उड़ता ताबूत कहा जाता है. 

रूस ने तो 1985 में मिग-21 विमान का निर्माण बंद कर दिया.

पिछले 5 सालों में सेना विमान और हेलिकॉप्टरों की दुर्घटनाओं में 42 रक्षा कर्मियों की जान गई है. पिछले 5 सालों में कुल 45 हवाई दुर्घटनाएं हुई. 

मिग-21 साल 2019 में उस समय पॉजिटिव कारणों से चर्चा में आया था, जब बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन भारत में घुसे पाकिस्तानी F-16 फाइटर जेट को मार गिराया गया था.

 1971 के युद्ध में MIG-21 ने पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर जमकर कहर बरपाया था. मिग-21 ने पाकिस्तान वायुसेना के 13 फाइटर प्लेन को मार गिराया था.