SpaceX Starship Launch

SpaceX Starship Launch

दूसरा प्रयास फेल

स्पेसएक्स (SpaceX) इतिहास रचते-रचते रह गया. मंगल पर इंसानों को ले जाने वाले रॉकेट स्टारशिप को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. 

रॉकेट को दक्षिणी टेक्सास में बोका चिका स्थित स्टारेबस से छोड़ा गया. लॉन्च के चार मिनट बाद करीब 33 किलोमीटर की ऊंचाई पर रॉकेट फट गया. 

स्टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट है. इसकी ऊंचाई 394 फीट है. व्यास 29.5 फीट है. यह रॉकेट दो हिस्से में बंटा है. ऊपर वाला हिस्सा जिसे स्टारशिप कहते हैं.

दूसरा हिस्सा है सुपर हैवी (Super Heavy). यह 226 फीट ऊंचा रॉकेट है. जो रीयूजेबल है. यानी यह स्टारशिप को एक ऊंचाई तक ले जाकर वापस आ जाएगा.

सुपर हैवी रॉकेट से अलग होने के बाद स्टारशिप अपनी बदौलत धरती से 241 किलोमीटर ऊपर धरती का लगभग एक चक्कर पूरा करेगा. 

पेलोड की जगह सिर्फ जानकारियां जमा की जाएंगी. यानी रॉकेट के उड़ान, टेलिमेट्री, नेविगेशन, टेकऑफ-लैंडिंग आदि की जानकारी हासिल की जाएगी. 

स्टारशिप इतना बड़ा है कि इसमें 100 लोग बैठकर अंतरिक्ष में लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं. यहां तक एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक जा सकते हैं. 

स्टारशिप की बनावट ऐसी है कि इसमें एक साथ कई सैटेलाइट्स ले जा सकते हैं. स्पेसएक्स के फॉल्कन-9 रॉकेट की तरह ही इसे भी इस्तेमाल कर सकते हैं. 

सुपर हैवी रॉकेट और स्टारशिप आज तक एकसाथ नहीं उड़े हैं. ऐसा पहली बार होगा जब दोनों एकसाथ टेकऑफ करेंगे. 

सुपर हैवी स्टारशिप को तीन मिनट तक धकेलता रहेगा. उसके बाद मेक्सिको की खाड़ी में गिर जाएगा.