GBS: क्या है Guillain-Barré Syndrome, जिसने महाराष्ट्र में मचाई तबाही? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय!
Guillain-Barré Syndrome: महाराष्ट्र में बढ़ते गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग के लिए नई चिंता खड़ी कर दी है। इस बीमारी से अब तक 100 से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं, जिनमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है। यह बीमारी शरीर की इम्यून सिस्टम के तंत्रिकाओं पर अटैक करने के कारण होती है। जानिए इसके लक्षण, कारण और इससे बचाव के उपायों के बारे में।

Guillain-Barré Syndrome: उज्जवल प्रदेश डेस्क. देश भर में कई तरह की बीमारियां फैली हुई हैं और महाराष्ट्र में इन दिनों एक नई बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। यह बीमारी है *गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS)*, जो तंत्रिकाओं पर असर डालती है और गंभीर स्थितियों का कारण बन सकती है। खासतौर पर, महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू के संक्रमण के बीच GBS के मामलों में तेजी आई है, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है। अब तक इस बीमारी से 100 से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं और पुणे में इस बीमारी से पहली मौत भी हो चुकी है। तो आइए, जानते हैं इस खतरनाक बीमारी के बारे में अधिक जानकारी।
गुलियन बैरे सिंड्रोम (GBS) क्या है?
‘गुलियन-बैरे सिंड्रोम’ (GBS) एक दुर्लभ और गंभीर तंत्रिका संबंधी बीमारी है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही तंत्रिकाओं पर हमला करती है। यह बीमारी शरीर के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित कर सकती है और तंत्रिकाओं के नुकसान के कारण कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह एक मेडिकल इमरजेंसी मानी जाती है, और अगर समय पर उपचार न मिले तो जान का खतरा भी हो सकता है।
हाल ही में महाराष्ट्र में इस बीमारी के बढ़ते मामले चिंता का कारण बन गए हैं, विशेष रूप से पुणे में जहां 100 से अधिक लोग इससे प्रभावित हुए हैं। इन मरीजों में से कुछ गंभीर स्थिति में हैं और वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। सबसे दुखद बात यह है कि इस बीमारी से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है, जो राज्य में इस बीमारी से होने वाली पहली मौत मानी जा रही है।
ये होते हैं गिलियन बैरे सिंड्रोम के लक्षण
GBS के लक्षण अचानक और तेज़ी से बढ़ सकते हैं। इस बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- हाथ और पैर में कमजोरी या सुई चुभने जैसा एहसास।
- चलने में कठिनाई, खासकर सीढ़ियां चढ़ने या सामान्य तरीके से चलने में।
- बोलने, चबाने या निगलने में परेशानी।
- पेशाब करने में असमर्थता या हृदय गति का अनियंत्रित हो जाना।
- शरीर के अन्य हिस्सों में सुन्न होने या लकवे जैसे लक्षण।
GBS के कारण
इस बीमारी का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सका है, लेकिन इसके कुछ सामान्य कारण सामने आए हैं:
- वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण: कुछ संक्रमण, जैसे कि इन्फ्लूएंजा, ज़ीका वायरस, साइटोमेगालोवायरस, और हेपेटाइटिस A, B, C, और E, GBS को ट्रिगर कर सकते हैं।
- टीकाकरण: कुछ मामलों में, जैसे कोविड-19 की वैक्सीनेशन के दौरान, गिलियन बैरे सिंड्रोम के मामलों का संदर्भ सामने आया था, हालांकि इसके संबंध में कुछ अध्ययनों ने इस कनेक्शन को नकारा भी किया।
- सर्जरी और अन्य संक्रमण: कुछ मामलों में सर्जरी या अन्य संक्रमणों के बाद भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
GBS का इलाज कैसे होता है?
हालांकि GBS का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन कई सहायक उपचारों से मरीज को राहत दी जा सकती है। ‘प्लाज्मा थेरेपी’ और ‘इम्यूनोग्लोबिन थेरेपी’ जैसे उपचारों से लक्षणों में सुधार हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि जितना जल्दी उपचार शुरू किया जाए, उतना ही बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
GBS से बचाव के उपाय
हालांकि GBS से बचाव के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं है, लेकिन कुछ सामान्य सावधानियां इस बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती हैं:
- हाइजीन का पालन करें: अपने हाथों को नियमित रूप से धोने से संक्रमण फैलने का खतरा कम हो सकता है।
- सुरक्षित खाना खाएं : पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह से पकाएं और अधपके मांस से बचें, क्योंकि कुछ बैक्टीरिया GBS को ट्रिगर कर सकते हैं।
- टीकाकरण पर ध्यान दें: कोविड-19 और अन्य वैक्सीनेशन के बाद अगर कोई असामान्य लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या GBS एक नई बीमारी है?
GBS कोई नई बीमारी नहीं है, लेकिन इसकी घटनाओं में हालिया बढ़ोतरी ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी इस बीमारी के कुछ मामले सामने आए थे, और अब बर्ड फ्लू के संक्रमण के साथ-साथ GBS के मामलों ने स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए नई चुनौती पेश की है।