राजस्थान के पुलिस थानों में आखिर क्‍यों महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी होने जा रहे तैनात

जयपुर
राजस्थान के पुलिस थानों में महिलाओं और बच्चों की मदद के लिए अलग से सहायता डेस्क बनाई जाएगी। प्रत्येक पुलिस थाने में सहायक पुलिस उप निरीक्षक (एएसआइ) को महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात किया जाएगा। इसके लिए एक हजार महिला एएसआइ की भर्ती होगी। प्रदेश मे पहली बार एएसआइ का नया कैडर बनाया जा रहा है। अब तक एएसआइ के पद सिपाही से पद्दोन्नति कर के भरे जाते थे, लेकिन अब महिला एएसआइ की सीधी सीधी भर्ती होगी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस महानिदेशक एम.एल.लाठर को भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर सभी पुलिस थानों में महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। सीएम की मंशा को पूरा करने के लिए गृह विभाग ने वित्त विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव के अनुसार, महिला एएसआइ की भर्ती और पुलिस थानों अलग से सहायता डेस्क बनाने पर एक अरब 38 करोड़ 48 लाख का आर्थिक भार पड़ेगा। सरकार ने किशोर न्याय अधिनियम 2021 की धारा 107 में भी बाल कल्याण अधिकारियों की नियुक्ति का प्रावधान किया है।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में महिला एएसआइ की संख्या काफी कम है। प्रदेश में कुल 4973 एएसआइ कार्यरत हैं, इनमें से मात्र 118 ही महिला हैं। भर्ती में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान होने के बावजूद एएसआइ पद पर महिला काफी कम संख्या में कार्यरत है। गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव का कहना है कि महिलाओं और बच्चों का सुरक्षा चक्र मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है। जरूरत पड़ने पर यदि कोई महिला और बच्चा पुलिस थान में पहुंचे, तो उसे अच्छा माहौल मिले, उनके साथ व्यवहार सही तरह से हो इसके लिए नई योजना बनाई गई है।

Deepak Vishwakarma

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