पुरुषों से दोगुना महिलाएं होती हैं Depression का शिकार, क्या आप भी हैं? जानिए वजह और कैसे करें डिप्रेशन से बचाव?
Depression : भारत में हर 20 में से 1 व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है। शोध बताते हैं कि महिलाओं में डिप्रेशन की संभावना पुरुषों से दोगुनी होती है। जीवनशैली, तनाव और अनिद्रा इसकी प्रमुख वजहें हैं। इसे अनदेखा करने से हृदय रोग और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में जानें डिप्रेशन के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।

Depression : उज्जवल प्रदेश डेस्क. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मानसिक तनाव और डिप्रेशन एक गंभीर समस्या बन चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया में 26.4 करोड़ लोग डिप्रेशन से प्रभावित हैं। भारत में हर 20 में से एक व्यक्ति इसकी चपेट में है। खासकर महिलाओं और किशोरों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। क्या आप जानते हैं कि डिप्रेशन को नजरअंदाज करने से यह गंभीर बीमारियों का रूप ले सकता है? आइए, इस लेख में जानते हैं कि डिप्रेशन के लक्षण क्या हैं, इसके पीछे क्या कारण हैं और इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
अनियमित जीवनशैली डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार
भारत में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ने के बावजूद, डिप्रेशन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे के अनुसार, देश में हर 20वां व्यक्ति डिप्रेशन की चपेट में है। यह केवल एक मानसिक स्थिति नहीं बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित करने वाली समस्या है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भागदौड़ भरी जिंदगी, कार्यस्थल का दबाव, सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग और अनियमित जीवनशैली डिप्रेशन के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार हैं। खासतौर पर कोरोना महामारी के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों में वृद्धि देखी गई है।
महिलाओं में डिप्रेशन के मामले ज्यादा
किंग्स कॉलेज लंदन की एक स्टडी के मुताबिक, महिलाओं में डिप्रेशन की दर पुरुषों से दोगुनी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, 53% किशोर लड़कियों में उदासी और निराशा जैसे डिप्रेशन के लक्षण देखे गए हैं, जबकि लड़कों में यह आंकड़ा 28% था।
विशेषज्ञों के अनुसार, महिलाओं में न्यूरोप्रोटेक्टिव कंपाउंड्स का स्तर कम होता है, जिससे वे मानसिक तनाव के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। एक अध्ययन में 15 साल की 75 लड़कियां और 75 लड़कों को शामिल किया गया, जिसमें पाया गया कि जिन लड़कियों में न्यूरोप्रोटेक्टिव कंपाउंड्स का स्तर कम था, उनमें डिप्रेशन का खतरा अधिक था।
क्या हैं डिप्रेशन के लक्षण
- डिप्रेशन के लक्षणों को पहचानना आसान नहीं होता, लेकिन कुछ संकेत इस समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं।
- लगातार उदासी और निराशा महसूस करना
- किसी भी चीज़ में रुचि न लेना
- अचानक वजन बढ़ना या घटना
- अनिद्रा या ज्यादा सोने की आदत
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
- आत्महत्या के विचार आना
डिप्रेशन से कैसे बचें
- डिप्रेशन से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि व्यक्ति अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखे। यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं-
- नियमित व्यायाम करें: एक्सरसाइज ब्रेन में एंडोर्फिन रिलीज करता है, जिससे मूड बेहतर होता है।
- संतुलित आहार लें: पोषणयुक्त भोजन से ब्रेन हेल्थ बेहतर होती है।
- पर्याप्त नींद लें: अनिद्रा डिप्रेशन को बढ़ावा देती है, इसलिए कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
- सोशल सपोर्ट लें: दोस्तों और परिवार से बातचीत करने से मानसिक तनाव कम होता है।
- डिजिटल डिटॉक्स करें: सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
- योग और ध्यान करें: यह मानसिक शांति प्रदान करता है और तनाव को कम करता है।
- जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ से संपर्क करें: अगर लक्षण गंभीर हैं, तो मनोचिकित्सक की सलाह लें।