8th Pay Commision: 8वें वेतनमान पर ‘उड़ेंगे’ मध्य प्रदेश के कर्मचारी, 60% से ज्यादा होगा DA!
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8th Pay Commission: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. केंद्र सरकार के 8वें वेतन आयोग का कार्य जल्द शुरू होने जा रहा है। इससे केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी में बंपर बढ़त मिलेगी। इसी के साथ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी कर्मचारियों (Employees) की भी उम्मीदें बढ़ने लगी हैं।
कर्मचारियों के मन में अब यही सवाल है कि केंद्र समान अगर 8वां वेतन मान लागू हुआ तो महंगाई भत्ता (DA) और उनकी पूरी सैलरी पर क्या फर्क पड़ेगा? तो बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी में हर महीने 19,000 रु तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, 8वां वेतनमान लागू होने में अभी काफी समय बाकी है। ऐसे में आप इस आर्टिकल में जान सकते हैं कि केंद्र के समान 8वां वेतनमान मिलने पर मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की संभावित सैलरी क्या हो सकती है।
8वें वेतनमान का लाभ कब मिलेगा?
सबसे पहले जान लें कि केंद्र सरकार की 8वें वेतनमान की सिफारिशों कब लागू होंगी। तो बता दें कि अप्रैल में सरकार के 8वें वेतनमान आयोग का गठन हो रहा है। गठन के बाद आयोग अपना काम शुरू करेगा और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति, महंगाई और जीवन यापन समेत कई फैक्टर्स के आधार पर सैलरी में बदलाव की सिफारिश करेगा।
अगर पुराना रिकॉर्ड देखें तो आयोग को वेतनमान की सिफारिशें सरकार को भेजने में एक से डेढ़ साल तक का वक्त लगता है। ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों को 8वें वेतनमान का लाभ 2026 के बाद ही मिल पाएगा। वहीं केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने के बाद मध्य प्रदेश सरकार 8वें वेतनमान की सिफारिशों को लागू करेगी।
8वें वेतनमान से कितनी बढ़ेगी सैलरी?
7वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर गौर करें तो उस दौरान आयोग ने फिटमेंट फैक्टर 2।57 गुना बढ़ाया था। ऐसे में बेसिक सैलरी 7000 रु से बढ़कर 17,990 रु हो गई थी। गौरतलब है कि फिटमेंट फैक्टर एक मल्टीप्लायर होता है, जो महंगाई, कर्मचारियों के प्रदर्शन आदि कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। इस संख्या को बेसिक सैलरी से गुणा करके नई बेसिक सैलरी तय की जाती है।
उदाहरण के तौर पर अगर मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15 हजार रु है और नया फिटमेंट फैक्टर 2।60 के करीब होता है तो नई बेसिक सैलरी 39,000 रु हो सकती है। हालांकि, राज्य सरकार केंद्र सरकार की तरह वेतन आयोग की सिफारिशों को शत प्रतिशत लागू करने के लिए बाध्य नहीं रहती। क्योंकि राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति केंद्र सरकार से काफी अलग होती है।
वेतन आयोग क्या होता है?
वेतन आयोग सरकार के एक डिपार्टमेंट की तरह काम करता है, जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार के कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर की समीक्षा करना होता है। महंगाई, परफॉर्मेंस समेत कई फैक्टर्स को देखते हुए समय-समय पर आयोग सैलरी स्ट्रक्चर में सुधार करने की सिफारिश करता है।
आमतौर पर हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन होता है। वर्तमान में केंद्र सरकार के 8वें वेतनमान आयोग का गठन हो रहा है। केंद्र के वेतनमान आयोग की सिफारिशों के बाद राज्य की सरकारें भी इन सिफारिशों को अपनाती हैं या अलग से राज्य वेतन आयोग का गठन कर सकती हैं।
11 हजार रु तक बढ़ सकती है मध्य प्रदेश में सैलरी
8वें वेतनमान की सिफारिशों को लागू होने में एक साल से ज्यादा का वक्त लग सकता है। ऐसे में मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र बराबर लाभ मिलना फिलहाल संभव नहीं है। दरअसल, पहले ही मध्य प्रदेश के कर्मचारी डीए यानी महंगाई भत्ते के मामले में केंद्रीय कर्मचारियों से 5 प्रतिशत तक पीछे हैं।
हाल ही में मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने कर्मचारियों के कई भत्तों को बढ़ाया लेकिन ये फिर भी केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर नहीं हैं। माना जा रहा है कि 8वां वेतनमान लागू होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी 19 हजार रु प्रतिमाह तक बढ़ सकती है। वहीं, मध्य प्रदेश में ये लागू होता है तो कर्मचारियों की सैलरी 11 हजार रु तक बढ़ सकती है।
एमपी में 13 साल बाद बढ़े भत्ते लेकिन केंद्र से कम
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने राज्य के कर्मचारियों को 13 साल बाद 13 तरह के भत्तों में लाभ दिया है। इसमें DA यानी महंगई भत्ता , HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस समेत कई भत्ते शामिल हैं लेकिन कर्मचारी संगठन इससे खुश नहीं हैं। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी कहते हैं, ” 13 साल बाद भत्ते बढ़ाए लेकिन ये पर्याप्त नहीं है। कर्मचारियों को उचित लाभ मिलने की उम्मीद थी।अगर ये भत्ते केंद्र के हिसाब से बढ़ाए गए होते तो मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलती।”
मध्य प्रदेश में DA होगा 60 प्रतिशत?
बात करें मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के DA की, तो छठवें वेतनमान की तुलना में सातवें वेतनमान में सैलरी में 14% की बढ़ोतरी हुई थी और इसके साथ मध्यप्रदेश में DA फिलहाल 50% मिल रहा है। अगले साल 8वें वेतनमान की सिफारिशें अगर लागू होती हैं तो मध्य प्रदेश के कर्मचारियों की कुल सैलरी 15 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इसमें कर्मचारियों का डीए 50 प्रतिशत से बढ़कर 60 प्रतिशत (60%) से अधिक (More Than) होने का अनुमान है। इस दौरान कर्मचारियों को 3 प्रतिशत का परफॉर्मेंस इंक्रीमेंट भी दिया जा सकता है। कुल मिलाकर मध्य प्रदेश के कर्मचारियों की सैलरी में बंपर बढ़त हो सकती है।
50% हुआ डीए फिर बेसिक सैलरी में क्यों नहीं जुड़ा?
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही बढ़ाए गए महंगाई भत्ते से अब प्रदेश के कर्मचारियों को 50 प्रतिशत डीए मिल रहा है। लंबे समय से कर्मचारी संगठनों की मांग थी कि नियम मुताबिक 50 प्रतिशत से ज्यादा डीए होने पर इसे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी से जोड़ दिया जाए। हालांकि, सरकार ने इस मांग को पूर्व में ही ठुकरा दिया था। दरअसल, सरकार ने छठवें वेतनमान की सिफारिश मानते हुए डीए को बेसिक सैलरी में नहीं जोड़ने का फैसला लिया था। सरकार का तर्क था कि ऐसा करने से प्रदेश की सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ सकता था।