संपादकीय
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प्रशांत किशोर: चुनावी स्ट्रेटेजिस्ट से सियासी एक्टिविस्ट बनने के खतरे को समझिए
अजय बोकिल इसे संयोग मानें या कुछ और कि देश के जिन जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) का जन्म…
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क्या भविष्य की सांस्कृतिक आहट है ‘बुलडोजर’ ?
अजय बोकिल संवेदनशील कवि बसंत सकरगाए ने अपनी ताजा कविता में एक बुलडोजर-सा सवाल उठाया है- अब, जबकि एक यंत्र…
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Corona 2021: बीते साल उस अप्रैल की रूह कंपाने वाली याद…
बीत रहा अप्रैल का यह महीना इस बार भले गर्म हवा के थपेड़ों से झुलस रहा हो और कोविड की…
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Social Media: लोकतंत्र को सींच रहा है या उसकी जड़ें खोद रहा है?
अजय बोकिल Social Media: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि गलत सूचना ( डिसइन्फार्मेशन) हमारे लोकतंत्र के…
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नींबू को लगी महंगाई की नजर और उम्मीद का टोटका…
अजय बोकिल अमूमन बुरी नजर से बचाने वाले नींबू को ही इस बार जब महंगाई की बुरी नजर लग गई…
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Assembly elections: चुनाव जिताऊ और जनता के मुद्दों में इतनी तफावत क्यों है?
अजय बोकिल Assembly elections: बुद्धिजीवी जिन्हें असल मुद्दे मानकर परसेप्शन का जो महल खड़ा करते हैं, आम आदमी उससे वैसा…
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यूक्रेन पर हमला: क्या यह ‘नाजीवाद’ और ‘नवनाजीवाद’ की लड़ाई है?
अजय बोकिल आज जबकि हम दुनिया में दो महाशक्तियों के वर्चस्व की लड़ाई में एक और हंसते-खेलते देश यूक्रेन को…
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दर्द-ए-उमा: ‘सर-ए-आईना मिरा अक्स है पस-ए-आईना कोई और है..!’
अजय बोकिल मध्यप्रदेश की राजनीति में फुलझडि़यां छूट रही हैं। दो साल पहले कांग्रेस से भाजपा में आए और अब…