Mahashivaratri 2025: किन लोगों को नहीं रखना चाहिए व्रत? जानें सही नियम और सावधानियां
Mahashivaratri 2025 का व्रत बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों को इसे नहीं रखना चाहिए। शिवपुराण के अनुसार गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और विशेष परिस्थितियों में व्रत से बचने की सलाह दी गई है। जानें महाशिवरात्रि व्रत के सही नियम, पूजा विधि और सावधानियां, जिससे आप भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकें।

Mahashivaratri 2025: उज्जवल प्रदेश डेस्क. महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें भक्तजन शिव भक्ति में लीन होकर व्रत रखते हैं। यह व्रत मोक्ष और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों को यह व्रत नहीं करना चाहिए? शिवपुराण के अनुसार कुछ परिस्थितियों में यह व्रत वर्जित माना गया है। आइए विस्तार से जानते हैं महाशिवरात्रि व्रत के नियम, पूजा विधि और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
कुछ लोगों को यह व्रत करने से बचना चाहिए
महाशिवरात्रि 2025 का पर्व 26 फरवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन भक्तजन भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और व्रत रखकर उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो श्रद्धा और विश्वास के साथ इसे पूर्ण करते हैं। लेकिन क्या हर किसी को यह व्रत रखना चाहिए? शिवपुराण में बताया गया है कि कुछ लोगों को यह व्रत करने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं वे कौन लोग हैं जिन्हें यह व्रत नहीं रखना चाहिए और इसके नियम क्या हैं।
किन लोगों को महाशिवरात्रि व्रत नहीं रखना चाहिए?
शिवपुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि व्रत का पालन करने के लिए कुछ विशेष नियम निर्धारित किए गए हैं। इस व्रत को रखते समय व्यक्ति को निराहार या फलाहार रहना होता है, जिससे शरीर और आत्मा दोनों की शुद्धि होती है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह कठिन हो सकता है।
- गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग- गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार की आवश्यकता होती है, जिससे उनके और शिशु के स्वास्थ्य पर असर न पड़े। इसी तरह बुजुर्गों के लिए भी उपवास स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
- बीमार व्यक्ति- यदि कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, तो उसे महाशिवरात्रि का व्रत नहीं रखना चाहिए। खासतौर पर हृदय रोगी, मधुमेह या अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को उपवास से बचना चाहिए।
- मासिक धर्म के दौरान महिलाएं- हिन्दू धर्मशास्त्रों में मासिक धर्म के दौरान व्रत रखने और पूजन करने से बचने की सलाह दी गई है।
- कमजोर शरीर वाले व्यक्ति- जो लोग अत्यधिक शारीरिक कमजोरी महसूस करते हैं, उन्हें भी व्रत से बचना चाहिए क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
महाशिवरात्रि व्रत रखने के नियम…
महाशिवरात्रि के व्रत का पालन करने के लिए भक्तों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
- व्रत से एक दिन पहले (त्रयोदशी तिथि) केवल एक समय भोजन करें।
- व्रत के दिन स्नान के जल में काले तिल मिलाने चाहिए। इससे शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है।
- दिनभर निराहार या फलाहार रहें और अन्न ग्रहण न करें।
- प्रदोष काल, निशिता काल या चारों प्रहर की पूजा में भगवान शिव की आराधना करें।
- शिवलिंग का जल, दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र, भस्म और गंगा जल से अभिषेक करें।
- ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और रात्रि जागरण करें।
- व्रत का समापन चतुर्दशी तिथि के बाद उचित तरीके से करें।
व्रत का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
महाशिवरात्रि का व्रत केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह व्रत आत्मसंयम और अनुशासन का प्रतीक है, जो शरीर को शुद्ध करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। निराहार व्रत रखने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। आध्यात्मिक रूप से, यह शिव की कृपा प्राप्त करने और आत्मा की शुद्धि के लिए किया जाता है।
महाशिवरात्रि के दिन क्या करें और
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें।
- बेलपत्र, धतूरा और भांग भोलेनाथ को अर्पित करें।
- उपवास का पालन करें और सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।
- रात्रि जागरण कर शिव चालीसा और मंत्रों का जाप करें।
महाशिवरात्रि के दिन क्या न करें?
- कटे-फटे या बिना धुले वस्त्र न पहनें।
- गलत विचारों और नकारात्मकता से दूर रहें।
- शिव पूजा में तुलसी के पत्ते अर्पित न करें।
- व्रत के दौरान मांस, मदिरा और नकारात्मक कार्यों से बचें।
- बिना स्नान किए शिवलिंग का अभिषेक न करें।