Gandhi Medical College में लैब असिस्टेंट और तकनीशियन पदों पर हुई नियुक्तियों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की

Gandhi Medical College भोपाल में लैब असिस्टेंट और तकनीशियन पदों पर हुई नियुक्तियों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी.

Gandhi Medical College: उज्जवल प्रदेश,भोपाल. गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल में लैब असिस्टेंट और तकनीशियन पदों पर हुई नियुक्तियों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने गठित जांच कमेटी को 6 सप्ताह में जांच पूरी करने के आदेश जारी किये हैं. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

‘नियमों को ताक पर रखकर की गई नियुक्तियां’

भोपाल निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट वीर सिंह लोधी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. यह जनहित याचिका गांधी मेडिकल कॉलेज में हुई नियुक्तियों को लेकर है. जिसमें आरोप लगाते हुए कहा गया है कि “गांधी मेडिकल कॉलेज में साल 2021 में लैब असिस्टेंट और तकनीशियन पदों पर नियमों को ताक में रखकर नियुक्तियां की गई थीं.”

‘जांच कमेटी ने नहीं की कोई कार्रवाई’

याचिका की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता वीर सिंह लोधी की तरफ से बताया गया कि “नियुक्तियों पर सवाल उठने और शिकायत होने पर जांच के लिए 1 मई 2024 और 19 सितंबर 2024 को पारित आदेश के बाद डॉ संजय जैन के नेतृत्व में 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था. जांच कमेटी गठित होने के बावजूद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.”

‘6 सप्ताह में जांच कमेटी पेश करे अपनी रिपोर्ट’

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए अपने आदेश में कहा है कि “6 सप्ताह में कमेटी अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करे. रिपोर्ट पेश होने के 3 दिनों की अवधि में उसकी प्रति याचिकाकर्ता को प्रदान की जाए. रिपोर्ट के आधार पर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अक्षांश श्रीवास्तव ने पैरवी की.”

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