BHOPAL LOVE JIHAD CASE: हिंदू लड़कियों से दुष्कर्म के आरोपियों को कोर्ट ले जाते समय फूटा वकीलों का गुस्सा
BHOPAL LOVE JIHAD CASE: पहचान छिपाकर मुसलमान युवकों द्वारा हिन्दू लड़कियों से रेप और ब्लैकमेल की वारदात सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है। सोमवार को जब पुलिस दो मुसलमान आरोपियों को जीप में बैठाकर जिला न्यायालय परिसर से ले जा रही थी तभी गुस्साए वकीलों की भीड़ ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए उन पर हमला बोल दिया।

BHOPAL LOVE JIHAD CASE: उज्जवल प्रदेश, भोपाल. भोपाल में पहचान छिपाकर मुसलमान युवकों द्वारा हिन्दू लड़कियों (Hindu Girls) से रेप (Raping) और ब्लैकमेल की वारदात सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है। इस घटना को लेकर लोगों के आक्रोश का अंदाजा सोमवार को हुई एक घटना से लगाया जा सकता है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सोमवार को जब पुलिस दो मुसलमान आरोपियों (Accused) को जीप में बैठाकर जिला न्यायालय (Court) परिसर से ले (Taking) जा रही थी तभी गुस्साए (Anger) वकीलों (Lawyers) की भीड़ ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए उन पर हमला (Erupts) बोल दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्य बार काउंसिल के सह-अध्यक्ष राजेश व्यास ने बताया कि वकील, खासकर युवा, इस घटना से नाराज हैं।
वकील इस घटना को लेकर आक्रोशित हैं। वे अनुशासित तरीके से विरोध कर रहे हैं। यह संघर्ष जारी रहेगा और अगर ऐसी घटनाएं दोबारा हुईं तो मुसलमान आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुसलमान आरोपियों में से एक सैफ अली को बचा लिया गया। सैफ को सुरक्षित ले जाया गया।
दूसरे मुसलमान आरोपी को भगवा कपड़े में ले जाए जाने के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने उसे यह कपड़ा नहीं दिया था। यह भी हो सकता है उसने खुद को ढकने के लिए वाहन में पड़े इस कपड़े को ले लिया हो। पुलिस की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, भोपाल के एक निजी कॉलेज की तीन लड़कियों के साथ मुसलमान आरोपियों पहचान छिपाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।
आरोपियों ने बाद में इन लड़कियों को ब्लैकमेल किया। मुसलमान आरोपियों में से एक फरहान अली उर्फ फराज कॉलेज का पूर्व छात्र है। उसने दो साल पहले अपनी मुसलमान पहचान छिपाकर नाबालिग लड़कियों में से एक से दोस्ती की। उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी ने पीड़िता का वीडियो बनाया और फिर उसे ब्लैकमेल किया।
उसके दो मुसलमान दोस्तों ने भी इसी तरह अन्य लड़कियों को फंसाया। यह सनसनीखेज वारददात 18 अप्रैल को तब सामने आई जब पहली पीड़िता ने बाग सेवनिया पुलिस स्टेशन का रुख किया। उसने आरोप लगाया कि मुसलमान आरोपी ने उसे और उसकी सहेलियों को अपने दोस्तों से मिलने के लिए मजबूर किया। आरोपियों ने उसका यौन शोषण किया और उसे ब्लैकमेल किया। मुसलमान आरोपियों ने अन्य लड़कियों के साथ भी दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और विडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया। पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच आगे बढ़ने पर पीड़िताओं और मुसलमान आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है।
जिला अस्पताल में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन
इससे पहले, सोमवार को ही मुसलमान आरोपियों को कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल लाया गया था। इस दौरान हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। उन्होंने मुसलमान आरोपियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए उन्हें जनता के हवाले करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की।
क्या है पूरा मामला?
यह सनसनीखेज मामला 18 अप्रैल 2025 को तब सामने आया, जब एक पीड़िता ने बागसेवनिया पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। उसने आरोप लगाया कि फरहान अली उर्फ फराज ने उसे अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए मजबूर किया, जिन्होंने उसका यौन शोषण किया और ब्लैकमेल किया। पुलिस के अनुसार, फरहान कॉलेज का पूर्व छात्र है और उसने दो साल पहले अपनी मुसलमान पहचान छिपाकर एक नाबालिग लड़की से दोस्ती की थी। फिर रेप किया। यही नहीं, पीड़िता का वीडियो बनाया और उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। फरहान के दो मुसलमान दोस्तों, साहिल और साद ने भी इसी तरह अन्य लड़कियों को अपने जाल में फंसाया।
पुलिस ने बताया कि तीनों मुसलमान आरोपियों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, भारतीय न्याय संहिता (BNS), और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच में फरहान के फोन से कई अश्लील वीडियो बरामद हुए, जिनमें कम से कम 10-15 लड़कियों के वीडियो होने की बात सामने आई है। जांचकर्ताओं का मानना है कि जांच आगे बढ़ने पर पीड़ितों और आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है।
अजमेर रेप कांड से तुलना
यह मामला 1992 के कुख्यात अजमेर रेप कांड की याद दिलाता है, जहां 100 से ज्यादा स्कूली छात्राओं को ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया गया था। भोपाल मामले में भी आरोपियों ने वीडियो बनाकर पीड़िताओं को ब्लैकमेल किया और उन्हें अपने दोस्तों से मिलवाने के लिए मजबूर किया। कई पीड़िताओं ने बताया कि उन्हें जबरदस्ती नशा कराया गया, मांस खिलाया गया और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया।
सियासी बवाल
इस मामले ने भोपाल में सामाजिक तनाव को जन्म दिया है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस घटना को ‘द केरल स्टोरी” फिल्म जैसी साजिश करार देते हुए आरोपियों को सार्वजनिक सजा देने की मांग की है। वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य में ‘जिहाद या लव जिहाद’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरोपियों को सख्त सजा दी जाएगी। कांग्रेस ने भी इस मामले की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।