NEET-UG 2025 में फर्जीवाड़ा करने वाले डमी कैंडिडेट गैंग के 5 सदस्यों को किया पुलिस ने गिरफ्तार
NEET-UG 2025 : करणी विहार थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर गैंग के मास्टरमाइंड सहित अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों के कब्जे से फर्जी दस्तावेज, ब्लूटूथ डिवाइस, मोबाइल, सिमकार्ड, नकद राशि और एक स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद की गई है।

NEET-UG 2025 : उज्जवल प्रदेश, जयपुर. राजस्थान के जयपुर में पुलिस ने राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) 2025 में फर्जीवाड़ा करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए डमी कैंडिडेट गैंग (Dummy Candidate Gang) के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करणी विहार थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर दबिश देकर गैंग के मास्टरमाइंड सहित अन्य सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार लोगों के कब्जे से फर्जी दस्तावेज, ब्लूटूथ डिवाइस, मोबाइल, सिमकार्ड, नकद राशि और एक स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद की गई है।
डीसीपी (वेस्ट) अमित कुमार ने बताया कि NEET Exam रविवार दोपहर आयोजित की गई थी। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि करणी विहार क्षेत्र के जगदम्बा नगर स्थित एक फ्लैट में कुछ युवक फर्जीवाड़े की योजना बना रहे हैं। पुलिस टीम ने मौके पर दबिश देकर अजीत कुमार बराला (26), सोहन लाल चौधरी (26) और जितेंद्र शर्मा (24) को गिरफ्तार किया।
अभ्यर्थियों की जगह डमी कैंडिडेट को बैठाकर परीक्षा पास करवाने की बना रहे थे योजना
पुलिस के अनुसार, आरोपी NEET परीक्षा में असली अभ्यर्थियों की जगह डमी कैंडिडेट को बैठाकर परीक्षा पास करवाने की योजना बना रहे थे। पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने फॉर्म भरते समय एआई टूल्स की मदद से डमी कैंडिडेट की तस्वीरें असली उम्मीदवारों की तस्वीरों से मिलाई थीं।
आरोपियों ने एडवांस के तौर पर 50 हजार रुपये भी लिए थे। डमी कैंडिडेट के रूप में तैयारी कर रहे जितेंद्र शर्मा को रोहित गोरा और संजय चौधरी की जगह NEET और पारा मेडिकल परीक्षा में बैठाने की योजना थी। पुलिस ने बाद में इन दोनों मूल अभ्यर्थियों को भी गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों में अजीत और सोहन, दोनों राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान (एनआईए) में पीजी के छात्र हैं। जबकि जितेंद्र कॉपर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस कर्नाटक में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर का छात्र है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी पैसे के लालच और ऐश-ओ-आराम की जिंदगी के लिए इस गैरकानूनी गतिविधि में शामिल हुए। पुलिस अब गिरोह के अन्य संभावित नेटवर्क और पिछले मामलों में इनकी संलिप्तता की जांच कर रही है।